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कीट-पतंगों की तरह मर रहे चमगादड़, चीन के वुहान शहर को याद कर दहशत में लोग

locationगोरखपुरPublished: May 28, 2020 05:59:13 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– अफसरों ने कहा- हीट स्ट्रोक है चमगादड़ों में मौत की वजह- बरेली स्थित इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट में भेजे गये मृत चमगादड़ों के शव के नमूने

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मौत के कारणों की जांच के लिए चमगादड़ों के शव के नमूने बरेली स्थित इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजे गया हैं। अभी रिपोर्ट का इंतजार है।

पत्रिका लाइव
एमआर फरीदी
गोरखपुर. कोरोना वायरस महामारी के बीच गोरखपुर और बलिया के गांवों में अजीब दहशत है। हर तरफ एक ही चर्चा है आखिर हर गांव में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत कैसे हो गयी। पिछले दो-तीन दिनों से हर बाग और हर दरवाजे पर मरे चमगादड़ मिल रहे हैं। ग्रामीण इन्हें छूने से डर रहे हैं। उनमें भय है कहीं चीन के बुहान शहर की तरह चमगादड़ों से जुड़ी कोई बीमारी यहां भी तो नहीं आ धमके। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि एकाएक चमगादड़ों की मौत की वजह पड़ रही बेतहाशा गर्मी है। हीट स्ट्रोक की वजह से इतनी ज्यादा संख्या में चमगादड़ों की मौत हुई है। फिलहाल, मौत के कारणों की जांच के लिए चमगादड़ों के शव के नमूने बरेली स्थित इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजे गया हैं। अभी रिपोर्ट का इंतजार है।
पेड़ों से टपक गए जमीन पर
गोरखपुर के गोपालपुर गांव में यूकेलिप्टस के पेड़ पर हज़ारों चमगादड़ों का डेरा है। बीते रविवार यहां बड़ी संख्या में चमगादड़ मर गए। बदबू फैली तो ग्रामीणों ने इन्हें दफना कर दिया। लेकिन, मरना जारी रहा। बृहस्पतिवार को फिर बड़ी संख्या में गोरखपुर और बलिया आदि जिलों में बड़ी संख्या में चमगादड़ मरे हुए मिले तो गांव वालों का डर और बढ़ गया। इसकी सूचना पशु चिकित्सा विभाग और वन विभाग को दी गयी। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर हौसला प्रसाद पशु चिकित्साधिकारी बेलघाट ऋषि, लखुआ पाकड़ ब्रजेश कुमार मौके पर पहुंचे। खजिनी फॉरेस्ट रेंजर भी मौके पर आए। अफसरों ने नमूने एकत्र किए।
वन और पशु पालन विभाग भी चिंतित
बेलघाट राधा स्वामी सत्संग भवन के बगल स्थित आम के बगीचे में भी सैकड़ों की संख्या में चमगादड़ों के मरने की जानकारी हुई। बलिया के विशुनपुरा गांव के खड़ैचा मौजे में साधन सहकारी समिति के पास बगीचे में भी पेड़ों से मरकर चमगादड़ गिरने लगे। घरों के सामने भी चमगादड़ों की मौत हुई तो लोगों में दहशत घर कर गयी। स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, वन विभाग और पशु चिकित्साधिकारियों की टीम एक बार फिर पहुंची और चमगादड़ों का सैंपल लिया गया। इसे जांच के लिए बरेली भेजा गया।
चिकित्सकों ने कहा गर्मी से झुलस कर मरे चमगादड़
बलिया के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं। गर्मी के कारण तापमान ज्यादा बढ़ गया है। इसकी वजह से चमगादड़ मर रहे हैं। गोरखपुर के डीएफओ अविनाश कुमार और शहीद अशफ़ाकुल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर के पशु चिकित्सक योगेंद्र कुमार सिंह का भी कहना है कि तापमान के अचानक 42.2 डिग्री तक पहुंचने के चलते हीट स्ट्रोक से चमगादड़ों की मौत हुई है। डीएफओ ने उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी गोला डॉ. समदर्शी सरोज द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि चमगादड़ों के सभी अंग ठीक हैं। उनमें कीटनाशक का भी कोई प्रभाव नहीं मिला। इसलिए माना जा रहा है कि हीट स्ट्रोक से मौतें हुई हैं। मृत चमगादड़ों की त्वचा भी झुलसी है। उधर, बरेली स्थित आईवीआरआई यानी भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आईवीआरआई के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि जिलों से चमगादड़ों की एकाएक मौत संबंधी रिपोर्ट मिली है। इसकी अभी टेस्टिंग चल रही है। इसमें कुछ समय लगेगा। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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