गोरखपुर

यूपी डीजीपी का फेक ट्वीटर हैंडल बना अधिकारियों को दे रहा था निर्देश, फिर…

गोरखपुर के एक किशोर ने न्याय से वंचित अपने परिवार के लिए उठाया यह कदम

गोरखपुरApr 22, 2018 / 04:03 am

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

DGP

गोरखपुर। न्याय मिलने में देरी और परिवार की मदद के लिए एक किशोर ने जाने-अनजाने में गलत राह चुन ली। आलम यह कि विदेश भेजने के नाम पर उसके परिवार को ठगने वाले तो कानून की गिरफ्त में नहीं आ सके लेकिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। डीजीपी का फेक ट्वीटर हैंडल बनाने के आरोप में साइबर सेल ने गोरखपुर के एक किशोर सहित दो लोगों को हिरासत में लिया है। पूछताछ के बाद हिदायत देकर छोड़ दिया गया।
मामला यह है कि गोरखपुर के भटहट क्षेत्र केे महुअवा गांव के मोेइद्दी टोला के रहने वाले एक परिवार का सदस्य कबूतरबाजों के चक्कर में पड़ गया। विदेश में अच्छी नौकरी पाने की लालच में कुछ लोगों ने इनसे काफी रुपये हड़प लिए लेकिन विदेश भेजने के लिए वीजा नहीं उपलब्ध करा सके।
परिवार के लोगों को जब इस धोखाधड़ी का पता चला तो वे लोग उनलोगों से रुपये वापस मांगने लगे। पहले तो आश्वासन दिया फिर दबंगई दिखाने लगे। पीड़ित परिवार उनसे लड़ने की बजाय पुलिस सहित अन्य जगह गुहार लगाने लगा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी परिवार के हाईस्कूल में पढ़ने वाले एक किशोर ने सुन रखी थी कि ट्वीटर हैंडल पर शिकायत करने से बहुत त्वरित कार्रवाई होती है। किशोर अनजाने में डीजीपी का ही ट्वीटर हैंडल बना लिया। फिर उसी से पुलिस विभाग के मातहतों को इस प्रकरण में कार्रवाई के लिए निर्देश देने लगा।
डीजीपी के निर्देश से अफसरों के कान खड़े हो गए। लेकिन जल्द ही साइबर सेल ने पता लगा लिया कि ट्वीटर हैंडल फेक है। इसके बाद तो पुलिस महकमा के होश उड़ गए। इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कर सर्विलांस टीम जांच शुरू कर दी। आनन फानन में मोबाइल को ट्रेस किया जाने लगा। सर्विलांस से पता लगा कि डीजीपी का ट्वीटर हैंडल गोरखपुर से संचालित हो रहा।
ट्वीटर हैंडल के लिए इस्तेमाल मोबाइल नम्बर के आधार पर लखनऊ साइबर टीम सीधे गोरखपुर पहुंची। फिर भटहट क्षेत्र के उस गांव में जहां लोकेशन ट्रेस हो रहा था। तत्काल किशोर को हिरासत में लिया गया। जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हुआ उसका इस्तेमाल करने वाले एक अन्य व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया। सबकुछ जानने के बाद पुलिस ने चेतावनी देकर किशोर व अन्य दूसरे को छोड़ दिया।
इसके बात सारा माजरा पुलिस को समझ में आया। जिस व्यक्ति का सिम है उसी ने बताया कि छात्र ने क्यों ऐसा किया होगा। कम्प्यूटर और मोबाइल की जांच की तो पता चला कि किसने इस कारनामे को अंजाम दिया।
पुलिस दोनों हिरासत में लिए गए युवकों व घरवालों को साथ लेकर लखनउ गई है।
 

 

 

 

 

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