आक्सीजन कांड के दौरान सुर्खियों में आए थे डाॅ.कफिल बाल रोग विभाग में कार्यरत डाॅ.कफिल अगस्त 2017 में बीआरडी मेडिकल काॅलेज में आक्सीजन सप्लाई बाधित होने से बच्चों की हुई मौतों के मामले में सुर्खियों में आए थे। आक्सीजन सप्लाई बाधित होने के बाद डाॅ.कफिल द्वारा आक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था कराने में की गई मशक्कत की हर ओर तारीफ हुई थी। लेकिन कुछ ही घंटों में हीरो से विलेन बनते देर न लगा। तत्कालीन प्राचार्य से लगायत कई डाॅक्टर्स को सरकार ने इस हादसे का आरोपी करार दिया। इसमें सबसे गैर जिम्मेदार डाॅ.कफिल को माना गया। शासन के आदेश पर जो केस दर्ज हुआ उसमें भी डाॅ.कफिल पर कई गंभीर आरोप लगाया गया। उनकी तलाश में पुलिस छापामारी करती रही। एसटीएफ लगाकर उनको खोजवाया गया और जेल हुआ। लेकिन न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह माना कि पुलिस ने डाॅ.कफिल के खिलाफ लगे आरोपों के सापेक्ष सबूत पेश नहीं किए। सुनवाई के दौरान डाॅ.कफिल की ओर से जमानत अर्जी को अदालत ने स्वीकार कर लिया और करीब आठ महीने के बाद डाॅ.कफिल की रिहाई हो सकी।