यह भी पढ़ें- नेपाल ने बैन किए भारतीय सब्जी फल, भारतीय कारोबारियों की बढ़ी मुश्किलें सिटी बस सेवा में एसी बसों को मिली प्राथमिकता गोरखपुर शहर यातायात की समस्या से काफी समय से जूझ रहा है। शहर की प्रमुख सड़कों पर निजी चार पहिया-दुपहिया वाहनों के लोड से हर दिन यातायात व्यवस्था चरमराती रहती है, लोग जाम में फंसकर परेशान होते हैं। जाम की समस्या से निजात के लिए शहर में सिटी बस चलाने की कवायद काफी दिनों से चल रही है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सिटी बस सेवा का ऐलान किया। हालांकि, मेटा्रे के लिए सर्वे प्रारंभ होने के बाद सिटी बस सेवा की परिकल्पना थोड़ी शिथिल हुई। लेकिन एक बार फिर सिटी बस सेवा को प्रारंभ करने की कवायद प्रारंभ हो चुकी है। शासन ने मुख्यमंत्री के शहर में सिटी बसों के संचालन के लिए दस बसों को हरी झंड़ी दे दी है। पूर्णतया एसी बसों को बिजली से चार्ज का चलाया जाएगा।
यह भी पढ़ें- यूपी में मृतक भी करा रहे बालू का अवैध खनन जिनको तलाशते पहुंच गई सीबीआई इको फ्रेंडली होगी बसें भारत सरकार पर्यावरण सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में इस पर अमल किए जाने का प्रयास प्रारंभ हो गया है। शहर में संचालित होने वाली सिटी बस सेवा में इलेक्ट्रिक बसों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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इन रूटों पर शहर में बस सेवा शहर में सिटी बस का संचालन दो रूट्स पर करके पूरे शहर को कवर करने की कोशिश की जाएगी। प्रशासन की यह कोशिश होगी कि अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें ताकि शहर जाम से मुक्त रहे। फिलहाल, जिन दो राहों पर बसों का संचलन होगा उसमें एक रूट रानीडिहा से एमएमएमयूटी-कूड़ाघाट, मोहद्दीपुर- विवि चैराहा होते हुए रोडवेज बस स्टेशन, रेलवे-यातायात आफिस से काली मंदिर होते हुए धर्मशाला फ्लाईओवर, असुरन से एचएनसिंह चौराहा से खजांची फिर मेडिकल कालेज से झुंगिया चौराहा तक। दूसरा रूट महेसरा डिपो से बरगदवा होते हुए गोरखनाथ मंदिर से फ्लाईओवर होकर तरंग क्रासिंग, फिर धर्मशाला से यातायात आफिस होकर रेलवे की ओर से बस स्अेशन से विवि से सीएस चौराहा, पैडलेगंज, रूस्तमपुर होते हुए महेवा मंडी, टीपीनगर पुलिस चौकी से होते हुए नौसड़ तक।