गोरखपुर

यूपी की इन दो सीटों पर पूर्वांचल के इस बाहुबली का परिवार होगा गठबंधन का चेहरा

महागठबंधन के किसी भी दल को नहीं होगी इन दोनों नामों पर आपत्ति

गोरखपुरSep 17, 2018 / 01:33 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

mayawati mulayam and akhilesh will have to leave sarkari bungalows

पूर्वान्चल की राजनीति में इस बार बाहुबली पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के परिवार के दो लोग लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए प्रयासरत हैं। दोनों ही बसपा के टिकट पर महागठबंधन से प्रत्याशी हो सकते हैं।
बीते विधानसभा चुनाव में परिवार की परंपरागत सीट चिल्लूपार जीतने के बाद तिवारी परिवार लोकसभा चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है।
बसपा का झंडा लगाकर दोनों भावी प्रत्याशियों ने क्षेत्र में भ्रमण भी शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय लोग मानकर चल रहे कि गठबंधन में यह दोनों सीटें बसपा के पक्ष में जाएंगी।
लोकसभा 2019 में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, निषाद दल, पीस पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल सहित तमाम छोटी-बड़ी पार्टियां एकजुट हो मैदान में आने को तैयार हैं। इस चुनाव में एकजुट यह दल बीजेपी हटाओ फॉर्मूले पर काम कर रही है। गठबंधन दलों के नेताओं का मानना है कि इस बार गठबंधन दल किसी प्रत्याशी विशेष के लिए नहीं मिलकर कौन जीतने की स्थिति में है इस पर नजर रखे हुए है।
चूंकि, गठबंधन को सामाजिक समीकरण को भी साधना है इसलिए बाहुबली पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी को खास तवज्जो मिलना तय है। वजह यह कि पूर्वान्चल के ब्राह्मणों में हरिशंकर तिवारी एक सर्वमान्य नाम है। दूसरा दावे वाली दोनों सीटों पर इस परिवार का दबदबा होने के साथ प्रतिनिधित्व भी करने का मौका मिल चुका है।
राजनीतिक समीक्षकों की मानेें तो पंडित हरिशंकर तिवारी को आगे करने से विपक्ष को एक और लाभ हो सकेगा। वह यह कि अगड़े वोटर्स का एक धड़ा वह प्रभावित कर सकते हैं। सबसे अहम यह कि इस समय बीजेपी से अगड़ी जातियां खासी नाराज चल रही हैं। एससी/एसटी मुद्दे को लेकर नाराज चल रही इन जातियों के लिए पूर्वांचल में विपक्ष के लिए एक बेहतर मौका है।
सभी जानते हैं कि दशकों से पूर्वान्चल विशेषकर ब्राह्मण-ठाकुर के वर्चस्व की लड़ाई मंदिर (गोरखनाथ मंदिर) और हाता (पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी का आवास) के बीच सिमटी रहती है। ऐसे में ब्राह्मण वोट इस बड़े नाम पर ठीक से साधा जा सकता है।
कुशल तिवारी रह चुके हैं सांसद

संतकबीरनगर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बड़े सुपुत्र भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी सांसद रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशल तिवारी हो गए थे। जबकि पूर्व मंत्री के भांजे व पूर्व विधानपरिषद सभापति गणेश शंकर पांडेय महराजगंज लोकसभा सीट पर दावेदारी कर रहे हैं। फिलहाल इन दोनों सीटों को लेकर कयास तो लगाया जा रहा है कि गठबंधन के संयुक्त घोषणा में कहां से कौन प्रत्याशी होगा लेकिन इस परिवार के सपा-कांग्रेस या बसपा के शीर्ष नेतृत्व से रिश्ते से यह अंदाजा लगाया जा रहा कि विपक्ष को इन चेहरों पर दांव लगाने में कोई आपत्ति नहीं होने जा रही।
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