scriptगोरखपुर उपचुनावः पूर्व मंत्री रामभुआल हो सकते हैं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ! | Ex Minister Ram Bhuwal will be SP candidate for bye election | Patrika News

गोरखपुर उपचुनावः पूर्व मंत्री रामभुआल हो सकते हैं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी !

locationगोरखपुरPublished: Feb 15, 2018 02:54:05 pm

निषाद दल से बात बनी तो डाॅ.संजय निषाद के पुत्र संतोष निषाद पर भी दांव खेल सकती है समाजवादी पार्टी

sp leader

सपा नेता शिवशंकर यादव की कुर्सी रहेगी या नहीं फैसला आज

गोरखपुर। संसदीय उपचुनाव गोरखपुर को जीतने के लिए समाजवादी पार्टी फूंक-फूंककर कदम बढ़ाने जा रही। मुख्यमंत्री की छोड़ी गई सीट को जीतकर वह बड़ा राजनैतिक संदेश देने की जुगत में है। सपा इस बार गोरखपुर संसदीय उपचुनाव में किसी निषाद नेता पर अपना दांव लगाने जा रही। अगर सबकुछ सही रहा तो 18 फरवरी तक समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर देगी।
पार्टी सूत्रों की अगर मानें तो अभी कुछ दिनों पहले तक पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को इशारा कर दिया गया था लेकिन कुछ हफ्तों से विपक्षी एका के नाम पर बन रहे नए राजनैतिक समीकरण में एक और नाम इसमें जुड़ गया है। वह है निषाद दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ.संजय निषाद के सुपुत्र संतोश निषाद का नाम। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद पार्टी की पहली पसंद हैं। लेकिन नए समीकरण में डाॅ.संजय निषाद के पुत्र संतोष निषाद को भी पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती है। राजनैतिक जानकार बताते हैं कि गोरखपुर संसदीय क्षेत्र निषाद बाहुल्य क्षेत्र है। निषाद दल बीते कुछ सालों में जातिय एकता के लिए काफी काम किया है। बीते विधानसभा चुनाव में इस पार्टी का प्रभाव भी दिखा। विपक्ष को चुनाव जीतने के लिए पिछड़े वर्ग के अलावा इस समुदाय का वोट बेहद जरूरी है। विपक्ष की रणनीति यह है कि किसी भी सूरत में निषाद वोटों का बंटवारा न हो। ऐसे में डाॅ.संजय निषाद को सपा अपने पाले में करने की कोशिश में है।
सूत्रों की मानें तो इसके लिए कई दौर में बातचीत भी हो चुकी है। बातचीत सकरात्मक दिशा में बढ़ रही।
जानकार बताते हैं कि विपक्षी रणनीतिकार यह मानते हैं कि सपा के पास यादव व मुस्लिम समुदाय का वोट बैंक है ही। अगर निषाद समुदाय का वोट भी एकमुश्त मिल जाए तो उपचुनाव में परिणाम अपनेे पक्ष में किया जा सकता है।
पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद भी हैं सपा के मजबूत दावेदार

पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत दावेदार हैं। वह अपने समुदाय में एक जाना पहचाना नाम हैं। कभी बसपा सरकार में मंत्री रहे रामभुआल निषाद 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा से गोरखपुर ग्रामीण विस से चुनाव लड़े और तीसरा स्थान हासिल कर पायें थे और करीब 41 हजार वोट हासिल किए थे। वह बसपा से 2002 में कौड़ीराम से विधायक चुने गये थे। बसपा ने इन्हें पार्टी से निकाल दिया था और यह कभी सपा के मंच तो कभी भाजपा के मंच पर नजर आते थे। आखिर में 2017 चुनाव के पहले इन्होंने भाजपा का दामन थामा। भाजपा में इन्होंने गोरखपुर ग्रामीण व चैरीचैरा से उम्मीदवारी जतायी थी। राजनीतिक जानकार इस बात से मुतमईन थे कि चैरी-चैरा से तो रामभुआल को टिकट मिल ही जायेगा। लेकिन पार्टी ने संगीता यादव को टिकट देकर सबको चैंका दिया। जबकि गोरखपुर ग्रामीण सीट पर योगी समर्थक विपिन सिंह को प्रत्याशी बना दिया गया।
टिकट नहीं मिलने से रामभुआल निषाद बागी हो गए।
पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को टिकट न दिए जाने के विरोध में निषाद सभा ने तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ का पुतला भी फूंका था। भाजपा का झंडा जलाया था। बागी रामभुआल को समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक विजय बहादुर यादव का साथ मिल गया। उन्होंने बिना देर किए सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात करा दी। अखिलेश यादव ने भी रामभुआल को पार्टी में शामिल कराकर चिल्लूपार से प्रत्याशी बना दिया था। तभी से रामभुआल सपा में सक्रिय हैं। इस बार सपा संसदीय उपचुनाव में उनपर दांव लगा सकती है।

ट्रेंडिंग वीडियो