इस बात से नाराज घरवालों ने 100 नम्बर डायल कर पुलिस को बुला लिया। मामला एक ही बिरादरी के बालिग प्रेमी जोड़े का था इसलिए पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर शादी के लिए दबाव बनाया। उन्होंने बताया कि थोड़ी सी ना-नुकुर के बाद दोनों प्रेमी जोड़ों के घर वाले राजी हो गए। पुलिस ने भी इस नेक कार्य में बढ-चढक़र हिस्सा लेते हुए थाने में ही काजी को बुलवाया और वहीं निकाह पढ़ाया गया।
आखिरकार सात समंदर दो प्रेम करने वालों के बीच बाधा बन गया। फेसबुक पर प्यार में पड़े दीवाने को जमाने के आगे झुकना पड़ा और बिन निकाह किए ही वापस लौट गया। जमाने को तो वह मनाने की हर कोशिश करता रहा लेकिन जब उसके प्यार ने ही शादी से इनकार कर दिया तो वह वापस अपने मुल्क लौट गया। उसके साथ उसके मां-बाप भी बेटे की दुल्हन साथ ले जाने का अरमान दिल में दबाए लौट गए।
दरअसल, यह कहानी एक अफगानी युवक और यूपी के युवती की है जिनके बीच निकाह के वक्त जमाना दीवार बन गया। कहानी की शुरूआत नवाबों की नगरी यूपी की राजधानी में हुई थी तो यह प्रेम पनपा था फेसबुक पर। हुआ यह कि संतकबीरनगर के एक कस्बे में रहने वाले एक व्यापारी परिवार की युवती लखनऊ में तैयारी करने के लिए एक कोचिंग में एडमिशन ली थी। कोचिंग के दौरान ही उसकी फेसबुक पर अफगानिस्तान के कंधार के रहने वाले एक युवक से दोस्ती हुई। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गया। कंधार के रहने वाले फरीदुन्न रफ्ताई (29) चैटिंग करते-करते जीने मरने की कसमें खाने लगे। फिर एक दिन अपनी दुनिया बसाने की सोची। कंधार के रहने वाले युवक ने युवती के परिजन से बातचीत की। थोड़ी-बहुत नाराजगी के बाद युवती के परिजन अपनी बेटी का हाथ कंधार के रहने वाले फरीदुन्न रफ्ताई को देने को तैयार हो गए। निकाह की तारीख तय हो गई। युवती ने पासपोर्ट आदि के लिए आवेदन भी कर दिया।
शुक्रवार को कंधार से फरीदुन्न का परिवार यूपी के संतकबीरनगर पहुंचा। फरीदुन्न के साथ उसकी मां अदिला रफ्ताई (57), पिता मोहम्मद कादिर (60), मामा मोहम्मद नादिर (72) और बहन फगम मोहम्मद नाजिया (23) भी पहुंचे।
युवती के परिजन तैयार थे ही। मेहमान शहर के एक होटल में आकर ठहरे। रविवार को परिवार संग अपनी प्रेमिका के घर निकाह के लिए पहुंचा। निकाह की रस्म शुरू हुई। लेकिन इसी बीच कुछ लोग विरोध करने लगे। वे निकाह के पक्ष में नहीं थे। इसके बाद निकाह रूक गया।
निकाह के विरोध में खड़े लोगों का कहना था कि बेटी की शादी दूसरे मुल्क में नहीं किया जाएगा। दूरी वगैरह का बहाना बनाकर वे लोग निकाह का विरोध करते रहे। रविवार की देर रात तक पंचायत चली। अगले दिन सोमवार को भी मामला काफी गरमाया रहा लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल सका था। अफगानिस्तान से आए युवक और उसके परिवारवालों ने भी विरोध कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन कुछ नहीं हो सका।
हालांकि, अफगान से आया प्रेमी अपने प्यार को पाने के लिए कोई उम्मीद छोड़ना नहीं चाहता था। पर उसकी उम्मीद उस वक्त टूट गई जब विरोध कर रहे घरवालों के दबाव में युवती ने निकाह करने से मना करते हुए उसे लौट जाने को बोल दिया। इसके बाद हारे हुए मन से युवक वापस अपने वतन को लौट गया।