गोरखपुर

पूर्व सीएम अखिलेश यादव का एम्स गोरखपुर पर लगा शिलापट्ट तोड़कर फेंका गया, सपार्इ गुस्से में

एम्स को लेकर एक बार फिर राजनीतिक तापमान बढ़ा
समाजवादी पार्टी ने एडीएम सिटी से की मुलाकात, रखी अपनी मांग

गोरखपुरSep 02, 2019 / 07:14 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

एम्स गोरखपुर पर लगा पूर्व सीएम अखिलेश यादव का शिलापट्ट तोड़कर फेंका गया, सपार्इ गुस्से में

गोरखपुर में एम्स (AIIMS Gorakhpur)को लेकर एक बार फिर राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई तेज होने की आशंका है। 2016 में एम्स के जमीन स्थानांतरण संबंधी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव( Ex CM Akhilesh Yadav) के शिलापट्ट को उखाड़कर फेंक दिया गया है। शिलापट्ट उखाड़ कर फेंके जाने के बाद सपाइयों में आक्रोश है। सपाइयों ने डीएम को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपकर पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और शिलापट्ट को पुनःस्थापित किए जाने की मांग की है। उधर, एम्स प्रशासन इस प्रकरण से खुद को पूरी तरह से अनभिज्ञ बता रहा।
दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तो गोरखपुर में एम्स स्थापना की बात प्रारंभ हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एम्स के लिए गोरखपुर में जमीन देने के लिए कई बार प्रस्ताव भेजा। विभिन्न जगहें चिंिहत की गई और किन्हीं न किन्हीं वजहों से केंद्र सरकार उन जमीनों को रिजेक्ट करती रही। गोरखपुर एम्स को लेकर विधानसभा चुनाव में भी खूब राजनीति हुई। हालांकि, चुनाव के ऐलान के पहले ही सपा सरकार ने जमीन आवंटन कर केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया। यही नहीं गोरखपुर में एक कार्यक्रम में पहुंचे तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने यह भी ऐलान किया कि केंद्र सरकार जो भी आपत्तियां लगा रहा, उसका निस्तारण वह तत्काल करने को तैयार हैं। एम्स की जमीन जहां चिंहित थी उस तक जाने के लिए फोरलेन सड़क की आवश्यकता बताई गई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तत्काल ही फोरलेन का ऐलान कर दिया। यही नहीं, तत्काली चिकित्सा-शिक्षा राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह ने जमीन संबंधी कार्रवाईयों को पूरा कराकर शिलापट्ट भी लगवा दिया।
अब, जब बीजेपी की प्रदेश में सरकार बनी तो एम्स के लिए कार्रवाई तेज हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्स के लिए गन्ना शोध संस्थान की जमीन को अधिग्रहण कराने के साथ केंद्र की स्वीकृति यहां एम्स बनाने के लिए करा दी। एयरफोर्स से एनओसी मिलने के बाद निर्माण भी प्रारंभ हो गया।
सोमवार को एम्स के प्रथम बैच की पढ़ाई शुरू हो गई है। इसी बीच अचानक से एक सूचना ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया। हुआ यह कि सपा शासनकाल में एम्स का लगा शिलापट्ट जिस पर अखिलेश यादव का नाम था उसे तोड़कर कहीं फेंक दिया गया। इसकी सूचना और फोटो मिलने पर सपाई आक्रोशित हो गए। सपाइयों ने इसे अपने मुखिया का अपमान बताया। सपा जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसी सूरत में यह बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रशासन तत्काल उस शिलापट्ट को नियत जगह पर स्थापित कराएं।
एम्स गोरखपुर पर लगा पूर्व सीएम अखिलेश यादव का शिलापट्ट तोड़कर फेंका गया, सपार्इ गुस्से में
सपा के जिली मीडिया प्रभारी राघवेंद्र तिवारी उर्फ राजू ने बताया कि समाजवादी पार्टी के कार्याें को बीजेपी सरकार अपना बताने और श्रेय लेने का कुचक्र रच रही है। यह सपा कार्यकर्ता हरगिज नहीं होने देंगे।

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