मतगणना कोले कर सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। मतगणना के दौरान या परिणाम के बाद किसी तरह के विवाद पैदा न हो सकें। इसकों लेकर भी प्रशासन गंभीर है। बता दें कि, गोरखपुर में बीजेपी प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ल के साथ स,एम योगी की भी प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। वहीं सपा के प्रवीण निषाद औख कांग्रेस के डॉ. सुरहित करीम के समर्थक भी जीत का दावा कर रहे हैं।
बता दें कि, यूपी मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के सीएम और डिप्टी सीएम बनने के बाद खाली हुई इन सीटों पर 11 मार्च को चुनाव हुए थे। जहां गोरखपुर में 47 प्रतिशत तो वहीं फूलपुर में 37 फीसदी मतदान ने सभी दलों को हैरान कर दिया। फिलहाल बुधवार 14 मार्च के परिणाम को लेकर सबकी निगाहें टिकीं हैं।
केंद्र और राज्य की प्रतिष्ठा भी जुड़ी प्रदेश की हत्वपूर्ण सीट पर हुए उपचुनाव पर सभी सियासी दलों की नजर बनी हुई है। जहां एक तरह यूपी में प्रचंड बहुमत वाली योगी सरकार से इसे सीधे जोड़ा जा रहा है। आम चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की लहर का भी अंदाजा भी विपक्ष लगाने में जुटा है। तो इस चुनाव से प्रदेश की बीजेपी सरकार के
काम का आंकलन भी करने जा रहा है। गोरखपुर तो बीजेपी का गढ़ रहा है। यहां से यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार सांसद रहे और हर बार उनकी जीत के वोटों का अंतर बढ़ता ही रहा। 2014 लोकसभा चुनाव में यहां भी वोटिंग 50 से 60 प्रतिशत के बीच ही थी। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी बम्पर वोटिंग ने भाजपा को फायदा दिलाया। यहां तक कि मेयर के चुनाव में शहरी इलाके में 33 प्रतिशत वोटों पर ही लीड कर लिया। उपचुनाव में बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले शहरी इलाके में वोटिंग 37 प्रतिशत हुई है।
गोरखपुर में वोटिंग प्रतिशत
शहर विधानसभा – 37.76
ग्रामीण विधानसभा-47.74
सहजनवा-50.07
पिपराइच-52.24
कैम्पियरगंज-49.43