योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हो रहा उपचुनाव गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद योगी आदित्यनाथ थे। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बना दिए गए। पदभार संभालने के बाद वह एमएलसी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। एमएलसी बनने के बाद उन्होंने संसद सदस्य से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद निर्वाचन आयोग ने फरवरी माह में उपचुनाव का ऐलान किया।
गोरखपुर के मतदाता इनका भाग्य आज लिखेंगे उपेंद्र दत्त शुक्ला भाजपा
डॉ. सुरहिता करीम कांग्रेस
प्रवीण निषाद सपा
गिरीश पांडेय सर्वोदय भारत पार्टी
अवधेश निषाद बहुजन मुक्ति पार्टी
विजय कुमार निर्दल
नरेंद्र कुमार महेता निर्दल
मालती देवी निर्दल
श्रवण निषाद निर्दल
राधेश्याम सेहरा निर्दल
गोरखपुर में इतने मतदाता डालेंगे वोट, किन्नर भी शामिल गोरखपुर का सांसद चुनने के लिए 1949178 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। संसदीय क्षेत्र में पांच विधान सभा गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, कैम्पियरगंज, पिपराइच और सहजनवा के मतदाता शामिल हैं। शहर विधानसभा में सबसे अधिक वोटर हैं। 434867 मतदाता यहां हैं जिसमें पुरुषों की संख्या 236902 और 197205 महिला हैं। ग्रामीण विधानसभा में पुरुष मतदाता 219045 और महिला मतदाता 179238 हैं। कैम्पियरगंज में 201552 पुरुष मतदाता व 165945 महिला मतदाता हैं। पिपराइच में 216544 पुरुष व 175034 महिला मतदाता तो सहजनवा में 197960 पुरुष व 159596 महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पांचों विधान सभा में 157 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं।कैम्पियरगंज में 21, पिपराइच में 35, गोरखपुर शहर में 60, गोरखपुर ग्रामीण में 23 और सहजनवा में 18 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
गोरखपुर सदर संसदीय क्षेत्र के 2141 में 577 बूथों की वोटर लिस्ट में दिव्यांग वोटर भी हैं। इनकी सुविधा के लिए सभी सेंटर पर एक-एक व्हील चेयर के साथ ही उसे चलाने के लिए एक कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं।
मतदान के दिन ईवीएम या वीवीपैट में किसी भी गड़बड़ी से मतदाता परेशान न हो इसलिए गोरखपुर में 100 इंजीनियर भी तैनात किए गए हैं। ये लोग सेक्टर मजिस्ट्रेटों के साथ चलेंगे।
तीन या अधिक बूथों वाले मतदान केंद्रों पर बीएलओ के साथ ही लोकेटर भी तैनात किए गए हैं। ऐसे मतदान केंद्रों पर वोटरों की आसानी के लिए अल्फाबेटिकल फार्म में वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई गई है। इससे मतदाताओं के नाम खोजने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
माकपोल के दौरान वीवी पैट में गिरी पर्ची की गणना करके एक लिफाफे में रखकर सील किया गया। गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने बताया कि वीवी पैट मशीन में 150 मीटर कागज का रोल रहता है, जिससे 1500 मतदान पर्ची कट सकती है। इसे 5 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है।