स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने परिपत्र भेजा है। इसमें निकायों में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने खाली चल रहे हैं, कितने भरे हुए हैं। शहर की सफाई की क्या स्थिति है, सफाई में कितने संसाधन लगे हुए हैं, पदों की क्या स्थिति है, भर्ती कब हुई थी, क्यों लम्बित चल रही है आदि बिन्दुओं का भी विवरण मांगा गया है। इस बारे में निगम की ओर से रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
हालांकि 1080 सफाई कर्मचारियों को नियुक्ति देने का मामला तीन साल से अटका पड़ा है। नियुक्तियां देने को लेकर वाल्मीकि समाज ने कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन अभी तक नियुक्तियां नहीं दी गई। पिछले दिनों केन्द्रीय सफाई आयोग अध्यक्ष के समक्ष भी यह मामला उठा था। इसके बाद निगम ने राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था। निकायों के कामकाज की समीक्षा 21 फरवरी को जयपुर में होगी।
संयुक्त सचिव ने स्थानांतरण होने के बाद भी जिन कार्मिकों ने नए पदों पर ज्वाइंनिंग नहीं दी है, उनकी भी सूची मांगी है। निगम में आधा दर्जन कर्मचारी एेसे हैं, जो जुगाड़ लगाकर नए पद का कार्यभार नहीं संभाल है।