गोरखपुर। गोरखपुर महोत्सव में शहर और जिले के विकास का भी खाका खींचा गया। मंथन कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री
शिव प्रताप शुक्ल की मौजूदगी में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्यों ने विभिन्न समस्याओं को रखते हुए जिले को विकास की राह पर सरपट दौड़ाने के लिए सुझाव भी दिए और गोरखपुर के समग्र विकास का खाका खींचा।
गोविवि के दीक्षा भवन में आयोजित मंथन में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि प्रदेश और गोरखपुर के विकास के लिए धन की कमी नही होने दी जायेगी। जो भी योजनाएं भारत सरकार के नीति आयोग को भेजी जायेगी उसे बिना कटौती किये धन आवंटित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की एक ही शर्त है कि जो धन जिस योजना के लिए दिया जाये उसे उसी कार्य के लिए व्यय किया जाये। वित्त राज्य मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अगले एक वर्ष में गोरखपुर की सूरत बदली हुई दिखेगी।
उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इंसेफलाइटिस के विरूद्ध मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने काफी संघर्ष किया है और इसका परिणाम है कि यहां
एम्स की स्थापना हो रही है और इसी वर्ष में इसकी ओ.पी.डी. शुरू हो जायेगी। उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर बन्द होने के 27 साल बाद इसे पुनः स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गीडा में भूमि की आवश्यकता है और इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने महापौर के एक साल में नगर कूड़ामुक्त करने के संकल्प की सराहना करते हुए नागरिकों से सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर गोरखपुर की पहचान दिलाने वाले गीता प्रेस के कर्मचारियों का मसला हल करके इसको सक्रिय रखना होगा।
अध्यक्षता करते हुए वीरबहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय जौनपुर के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह ने कहा कि जैसे नागरिक होंगे वैसा ही नगर होगा। शिक्षा के माध्यम से ही सुयोग्य नागरिक बनाये जाते हैं। बेसिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। उन्होंने धर्म, संस्कृति एंव भारतीय जीवन पद्धति को विश्व के फलक पर स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानन्द को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास करना चाहिए।
मंथन में नगर विधायक डाॅ. राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि अगले एक साल में रामगढ़ताल पर्यटन का केन्द्र होगा, गुणवत्तायुक्त सड़क एवं पुल बनेंगे। विधायक शीतल पाण्डेय ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय बने। विधायक सतीश ने कहा कि कौशल विकास मिशन के विस्तार से युवाओं में कौशल बढ़ेगा और
रोजगार मिलेगा।
महापौर सीता राम जायसवाल ने कहा कि एक साल में नगर को कूड़ामुक्त करेंगे। पूर्व मेयर श्रीमती सत्या पाण्डेय, अंजू चैधरी, पवन बथवाल ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का वर्णन किया। उद्यमी सुरेन्द्र अग्रवाल, प्रवीण मोदी, विष्णु अजीत सरिया ने रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।
पुष्पदन्त जैन तथा यशपाल सिंह ने गोरखपुर के विकास में जैन एंव पंजाबी समुदाय के योगदान पर प्रकाश डाला। पत्रकार उमेश शुक्ल तथा
हर्षवर्धन शाही ने भविष्य में भी निष्पक्ष पत्रकारिता व समाज का आइना दिखाते रहने का आश्वासन दिया।
हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष सदानन्द शाही ने हिन्दी और बोली के विकास, कुलपति प्रो. रजनीकान्त ने शिक्षा के विस्तार, प्रो. योगेन्द्र सिंह ने संस्कारयुक्त शिक्षा तथा प्रो. बीके सिंह ने परीक्षा में ग्रेड प्रणाली लागू करने पर बल दिया। पूर्व न्यायमूर्ति के.डी. शाही ने गोरखपुर में न्यायपालिका एवं प्रशासनिक क्षमताओं पर प्रकाश डाला।
दीक्षा सभागार में उपस्थित नागरिकों प्रो. राजवन्त राव ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मधु गुप्ता ने कर्मचारियों की नियुक्ति, वेद प्रकाश पाण्डेय ने नगर को छुट्टा पशु से मुक्त बनाने, हिन्दी भवन बनाने तथा फसल को पशुओं से बचाने, डाॅ. तेज प्रताप सिंह ने भोजपुरी भाषा, डाॅ. शिवशरण दास ने प्रदूषणमुक्त विकास एंव अतिक्रमणमुक्त नगर, छात्र देवान्ग त्रिपाठी ने परीक्षा पूर्व कोर्स पूरा कराने, छात्र गणेश पाठक ने विश्वविद्यालय कक्ष में सफाई रखने तथा पदाधिकारी ने कर्मचारियों को 300 दिन अवकाश का नकदीकरण देने संबंधी मामला रखा।
मंथन का संचालन इसके संयोजक डाॅ. प्रदीप राव ने किया। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युजंय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमें मण्डलायुक्त अनिल कुमार, प्रो. विनोद सिंह, प्रो. रविश्ंाकर सिंह, डाॅ. सुधाकर लाल श्रीवास्तव, डाॅ.जेएन पाण्डेय, डाॅ. आरपी पटेल, प्रो. अजय शुक्ला, प्रो. हर्ष सिन्हा, प्रो. शिखा सिंह, डाॅ.दिव्यारानी सिंह, रजिस्ट्रार शत्रोहन वैश्य एवं वरिष्ठ नागरिक तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।