गोरखपुर में चुनाव परिणाम आए तो इसमें हारे हुए प्रत्याशियों ने मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए हारे हुए प्रत्याशियों को जीता हुआ घोषित करने का आरोप लगाया। समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया और बवाल के बाद आगजनी की। पुलिस चौकी और गाड़ियां फूंक दीं। अधिकारियों ने पहुंचकर किसी तरह स्थिति पर नियंत्रण किया और उपद्रवियों पर कार्रवाई शुरू हुई। इधर बवाल के बाद प्रशासन नतीजों पर दोबारा गौर करने पर मजबूर हुआ। जोबारा जांच की गई और मतपत्रों का मिलान किया गया तो पता चला कि सपा समर्थित गोपाल यादव हारे थे, लेकिन उन्हें जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया, जबकि बसपा समर्थित रवि प्रताप निषाद आगे थे।
वार्ड नंबर 61 में भी निर्दलीय प्रत्याशी रमेश जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया, जबकि बसपा समर्थित कोदई साहनी जीत रहे थे। वार्ड संख्या 45 बड़हलगंज प्रथम की जांच में सामने आया कि स्थानीय आरओ की ओर से तो सही रिपोर्ट भेजी गई थी, लेकिन जिला मुख्यालय पर बसपा समर्थित राम अचल को विजयी घोषित कर दिया गया। जबकि यहां से निर्दल देवशरण जीत रहे थे। इसके पीछे जिला मुख्यालय पर लिपिकीय त्रुटि को कारण बताया गया। हालांकि शिकायतों पर वार्ड नंबर 21 और 32की भी जांच की गई, पर वहां परिणाम सही पाए गए। डीएम ने ब्रह्मपुर के आरओ सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विरेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर के साथ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को लिखने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांण्डियन ने मीडिया से कहा है कि वार्ड नंबर 21, 32, 45, 60 व 61 को लेकर शिकायत मिलने के बाद सभी वार्डों की बूथवार जांच की गई। वार्ड नंबर 21 और 32 के परिणम तो ठीक थे, लेकिन 60, 61 और 45 में गड़बड़ी मिलने के बाद उसमें सुधार कर परिणाम घोषित किया गया। वार्ड 60-61 के वार्डों के परिणाम में ब्रह्मपुर के आरओ की गलती प्रथमदृष्टया परिलक्षित होती है। आरओ सिंचाई विभाग के एक्सईएन वीरेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। उनके खिलाफ चुनाव आयोग को भी कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।