शिलान्यास समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में आयुष ने बड़ा रोल अदा किया है। यह विश्वविद्यालय परम्परागत चिकित्सा के तरीके के विकास में मील का पत्थर स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर यह स्थापित हो रहा है। यह पूर्वांचल के लिए गौरव की बात है कि इस आयुष विश्वविद्यालय का नाम योग की तमाम विधाओं के आदर्श महायोगी गोरखनाथ के नाम पर होगा।
शिलान्यास कार्यक्रम में अचानक बारिश शुरू हो गई, तो इस पर राष्ट्रपति ने कहा दि इंद्र देव खुद आशीर्वाद देने आए हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में एक मान्यता है कि कोई शुभ कार्य अगर खत्म हो रहा है और उस दौरान बारिश होने लगे तो उसे शुभ से अति शुभ कहा जाता है। और आयुष विश्वविद्यालय के प्रति लोगों का जो समर्पण हैं, उसे देख इंद्रदेव बाध्य हो गए कि कार्यक्रम खत्म होने के दौरान ही लोगों को आशीर्वाद देना है।
आयुष विश्वविद्यालय (Ayush University) के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय (Gorakhnath University) का उद्धाटव किया। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा गौरवशाली रहा है। नई शिक्षा नीति इस तरह बनाई गई है कि विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ेगा, उनके चरित्र के निर्माण के साथ उसका पूर्ण रूप से विकास होगा। महायोगी योगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय (Gorakhnath University) भी इन्हीं संकल्पों के साथ आगे बढ़ेगा।