जब एटीएस ने रेड कर गोरखपुर और कुशीनगर के कुछ लोगों को उठाया और पूछताछ की तो उसके होश फाख्ता हो गए। सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वे भारत में सक्रिय आतंकवादियों को आर्थिक मदद मुहैय्या कराते हैं। यह नेटवर्क पाकिस्तान से डील होता था। इस नेटवर्क चेन में देश के विभिन्न छोटे शहरों के कुछ व्यवसायी शामिल हैं। बताया जा रहा कि गोरखपुर, कुशीनगर के अलावा आजमगढ़, प्रतापगढ़, लखनऊ और मध्यप्रदेश के रीवा के साथ साथ राजस्थान के भी बार्डर से जुड़े कई शहरों तक यह नेटवर्क काम कर रहा।
सूत्रों के अनुसार नेपाल से जुड़े होने की वजह से गोरखपुर अतिसंवेदनशील माना जाता है। महराजगंज और सिद्धार्थनगर से नेपाल की सीमा सटे होने और कुशीनगर सहित आसपास के जनपदों से बिहार समीप होने से देश विरोधी गतिविधियों के लिए यह क्षेत्र काफी मुफीद है।
सूत्रों के अनुसार नेपाल से जुड़े होने की वजह से गोरखपुर अतिसंवेदनशील माना जाता है। महराजगंज और सिद्धार्थनगर से नेपाल की सीमा सटे होने और कुशीनगर सहित आसपास के जनपदों से बिहार समीप होने से देश विरोधी गतिविधियों के लिए यह क्षेत्र काफी मुफीद है।
इनकी हुई है गिरफ्तारियां
खुफिया सूत्रों के अनुसार गोरखपुर अरशद नईम (35) और गोरखपुर नसीम अहमद (40), गोरखपुर से दयानंद यादव (28), कुशीनगर के पडरौन के मुशर्रफ अंसारी (23), आजमगढ़ के सुशील राय उर्फ अंकुर राय (25), लखनऊ गांधी ग्राम के साहिल मसीह (27), मध्य प्रदेश रीवा से शंकर सिंह, गोपालगंज बिहार के मुकेश प्रसाद (24), प्रतापगढ़ रानीगंज के संजय सरोज (31), नीरज मिश्र प्रतापगढ़ (25) कोे गिरफ्तार किया गया है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार गोरखपुर अरशद नईम (35) और गोरखपुर नसीम अहमद (40), गोरखपुर से दयानंद यादव (28), कुशीनगर के पडरौन के मुशर्रफ अंसारी (23), आजमगढ़ के सुशील राय उर्फ अंकुर राय (25), लखनऊ गांधी ग्राम के साहिल मसीह (27), मध्य प्रदेश रीवा से शंकर सिंह, गोपालगंज बिहार के मुकेश प्रसाद (24), प्रतापगढ़ रानीगंज के संजय सरोज (31), नीरज मिश्र प्रतापगढ़ (25) कोे गिरफ्तार किया गया है।