रोजगार के अधिक मौके मिलेंगे पिपराइच चीनी मिल में एथनाॅल बनाने के लिए जिस डिस्टलरी के निर्माण की योजना है, उसके तैयार होने के बाद रोजगार के भी मौके मिलेंगे(More employment requirements due to distellery)। पिपराइच चीनी मिल केवल गन्ना पेराई सत्र में नहीं बल्कि पूरे सालभर चलती रहेगी। मिल व डिस्टलरी के संचालन के लिए परमामेंट के अलावा अस्थायी कर्मचारियों की भी दरकार होती है। ऐसे में सीजनल व अस्थायी कर्मचारियों को रोजगार के और मौके मिल सकेंगे। चीनी मिल के जिम्मेदार बताते हैं कि मिल साल में केवल तीस दिन की बंदी को छोड़कर बाकी सभी दिन चलेगी। ऐसे में 335 दिन मिल परिसर और आसपास गुलजार रहेगा।
मिल प्रबंधन के अनुसार पेराई सत्र के दौरान गन्ने के रस से एथनॉल बनेगा। पेराई सत्र समाप्ति के बाद मुण्डेरवा और पिपराइच चीनी मिल से मिलने वाले शीरे से डिस्टलरी चलेगी जिससे एथनॉल बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में एथनाॅल उत्पादन की परियोजनाओं को प्रोत्साहन यूपी में एथनाॅल(Ethanol) के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो समूचे देश में 9104 करोड़ रुपये की 174 परियोजनाओं की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दी है। इसमें 2379 करोड़ रुपये की लागत से लगने वाली 34 परियोजनाएं उत्तर प्रदेश की है। इस 34 में 17 नई इकाईयां स्थापित होंगी तो 17 चल रही डिस्टलरी की क्षमता में वृद्धि की जाएगी।