हरखौली गांव निवासी संस्कार यादव गांव तीन बहनों का इकलौता भाई था। गांव के ही नरसिंह शर्मा के घर प्रतिदिन कोचिंग पढ़ने के लिए जाता था। परिजनों के अनुसार संस्कार बुधवार की दोपहर कोचिंग पढ़ने के लिए गया था, लेकिन घर वापस नहीं लौटा। इस पर परिजन घबरा गए ओर उसकी तलाश शुरू कर दी, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। जब पिता कोचिंग सेंटर पर गए तो जानकारी मिली की संस्कार बुधवार को पढ़ने नहीं आया था।
इसके बाद परिजन उसकी तलाश में जुट गए। देर शाम गांव के ही एक खेत में एक पत्र मिला। जिस पर यह लिखा था कि बालक के पिता गोरख यादव पांच लाख रुपये की व्यवस्था करें नहीं तो तुम्हारें लड़के को नहीं छोड़ा जाएगा। यह पत्र मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में हलचल मच गई। घटना की जानकारी परिजनों ने पुलिस को दी।
एसपी संकल्प शर्मा रात में ही मौके पर पहुंच गए। पुलिस टीम छात्र की खोजबीन में जुट गई और कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक के पौत्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने गुरुवार की भोर में सच्चाई उगल दी। उसने बताया कि गायब छात्र का शव शिक्षक के घर के दरवाजे पर स्थित शौचालय में है। पुलिस ने घटना के कारणों के बारे में जानकारी ली तो चौकाने वाली बात सामने आई।
आरोपी अरुण शर्मा (18) पबजी खेलने का आदी है। इसके लिए दादा, दादी से अक्सर रुपये मांगता था। इस पर दादा, दादी आए दिन डांटते रहते थे। ग्रामीणों के अनुसार, कुछ दिन पहले आरोपी जान देने के लिए रेल लाइन के पास पहुंच गया था। पर लोगों ने उसे समझा बुझाकर लौटाया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जुर्म कबूल करते हुए उसने पुलिस को बताया है कि दादा, दादी को जेल भेजवाने के लिए संस्कार की हत्या कर शव को शौचालय में छिपा दिया था। ताकि दूसरे दिन जब शव मिले तो हत्या का आरोप दादा और दादी पर मढ़ दिया जाए। घटना के दिन जब संस्कार कोचिंग के लिए घर से निकला था तो वह रास्ते में ही उसे मिल गया था।