गोरखपुर के गोपालपुर गांव में यूकेलिप्टस के पेड़ पर हज़ारों चमगादड़ों का डेरा है। बीते रविवार को यहां काफी संख्या में चमगादड़ मरे हुए मिले तो ग्रामीण इस घटना से हैरान रह गए। बदबू फैलने के कारण गांव वालों ने चमगादड़ को दफना दिया। लेकिन उनका मरना जारी रहा। सोमवार को फिर वही चमगादड़ मरे हुए मिले तो गांव वालों का डर और बढ़ गया। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना पशु चिकित्सा विभाग और वन विभाग को दी। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर हौसला प्रसाद पशु चिकित्साधिकारी बेलघाट ऋषि, लखुआ पाकड़ ब्रजेश कुमार मौके पर पहुंचे। उधर विभाग की ओर से भी खजिनी फॉरेस्ट रेंजर को मौके पर भेजा गया। अधिकारियों को वहां कई सारे चमगादड़ मरे मिले। उनकी नमूने एकत्र कर लिए गए और दहशत में आए ग्रामीणों को अधिकारियों ने किसी प्रकार की चिंता न करने के लिए आश्वस्त किया।
उधर मंगलवार को बेलघाट राधा स्वामी सत्संग भवन के बगल स्थित आम के बगीचे में भी काफी तादाद में चमगादड़ों के मरे होने की सूचना मिली। वहां भी ग्रामीणों की सूचना पर तत्काल स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। पशुपालन विभाग के डॉक्टर ने चमगादड़ों के नमूने लिए। उधर बलिया ज़िले के विशुनपुरा गांव के खड़ैंचा मौजे में साधन सहकारी समिति के पास बगीचे में सालों से डेरा जमाए चमगादड़ अचानक सोमवार को मरकर पेड़ों से गिरने लगे। मरे चमगादड़ों को कुत्ते इधर-उधर फैलाकर नोचने लगे। कोरोना महामारी के बीच घटी इस घटना से दहशत में आए ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को दी, जहां से विभाग को इसके बारे में सूचित किया गया। मौके पर वन विभाग और पशु चिकित्साधिकारियों की टीम ने पहुंचकर मरे हुए चमगादड़ों का सैंपल लिया और उसे जांच के लिए भेज दिया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि गर्मी के कारण तापमान ज्यादा बढ़ गया है। इसकी वजह से चमगादड़ मर रहे हैं।
उधर गोरखपुर के डीएफओ अविनाश कुमार और शहीद अशफ़ाकुल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर के पशु चिकित्सक योगेंद्र कुमार सिंह ने मौके पर संयुक्त जांच के बाद दावा किया है कि तापमान के अचानक 42.2 डिग्री तक पहुंचने के चलते हीट स्ट्रोक से चमगादड़ों की मौत हुई है। डीएफओ ने उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी गोला डॉ. समदर्शी सरोज द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि चमगादड़ों के सभी आंग ठीक हैं और उनमें कीटनाशक का भी कोई प्रभाव नहीं मिला। उनका दावा है कि हीट स्ट्रोक से मौतें हुई हैं, क्योंकि मृत चमगादड़ों की त्वचा झुलस गई थी। उधर चमगाड़दों के सभी नमूनों को बरेली स्थित आईवीआरआई भेजा गया, अब वहां से रिपोर्ट आने का इंतजार है।