बीते दिनों सुप्र्रीम कोर्ट ने दी थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने तीन जुलाई को बीआरडी मेडिकल काॅलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ.राजीव मिश्र को जमानत दी थी। वह करीब दस महीने से जेल में बंद थे। बचाव पक्ष के वकील ने माननीय न्यायालय को दलील दी थी कि जिस आरोप में उनके मुवक्किल को जेल में रखा गया है उस आरोप से सरकार खुद इत्तेफाक नहीं रखती। सरकार अपनी रिपोर्ट में यह खारिज कर रही है कि आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन जुलाई को बीआरडी मेडिकल काॅलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ.राजीव मिश्र को जमानत दी थी। वह करीब दस महीने से जेल में बंद थे। बचाव पक्ष के वकील ने माननीय न्यायालय को दलील दी थी कि जिस आरोप में उनके मुवक्किल को जेल में रखा गया है उस आरोप से सरकार खुद इत्तेफाक नहीं रखती। सरकार अपनी रिपोर्ट में यह खारिज कर रही है कि आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई है।
तीन आरोपियों को पहले ही मिल चुकी है जमानत आक्सीजन कांड के आरोपियों में शामिल आक्सीजन सप्लायर मनीष भंडारी, बीआरडी मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टर रहे डाॅ.कफील अहमद खान और डाॅ.सतीश कुमार को पहले ही विभिन्न अदालतों से जमानत मिल चुका है। पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी को सबसे पहले जमानत सुप्रीम कोर्ट ने दी थी। इसके बाद डाॅ.कफील अहमद खान और डाॅ.सतीश कुमार को बारी-बारी से उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत मिल गई।