केरल से आ रहे खाद्य पदार्थाें से बचने की सलाह केरल में इन दिनों निपाह वायरस तबाही मचाए हुए है। अन्य राज्यों में एहतियातन यह सलाह दी जा रही है कि केरल से आने वाले खाद्य पदार्थाें को खाने में थोड़ी सावधानी बरती जाए। केरल से खजूर इन दिनों बाजार में अटा पड़ा है। केरल का आम, केला भी कई जगहों पर बहुतायत में आता है। चिकित्सा सलाहकारों के अनुसार इन चीजों से परहेज करना ही बेतहर है। अगर खा भी रहे तो उनको अच्छे तरीके से धो लें। खूब धोने के बाद ही इसका सेवन करें।
शूकर और चमगादड़ से फैलता है संक्रमण निपाह वायरस शूकर और चमगादड़ों से तेजी से इंसानों में फैलता है। इन जानवरों से अगर फल या सब्जियां संक्रमित हो जाए तो इससे भी इंसानी शरीर में वायरस प्रवेश कर लेता है।
दो दशक से निपाह बन चुका है महामारी
निपाह वायरस सबसे पहले मलेशिया के कापुंग सुंगई निपाह गांव में सामने आया था। 1998 में इस गांव में वायरल ने तबाही मचायी थी। निपाह गांव के नाम पर ही वैज्ञानिकों ने इसका नाम निपाह रख दिया। बताया जाता है कि ***** इस वायरस का वाहक है। पड़ोसी देश बंगला देश में भी निपाह से काफी लोग संक्रमित हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि भारत और आस्ट्रेलिया में इस वायरस के तबाही मचाने का सबसे अधिक खतरा है। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के बाद केरल में महामारी का रूप धारण कर चुके इस वायरस से पूरे देश में लोग सशंकित हैं।
लाइलाज है यह बीमारी… निपाह वायरस का कहर लाइलाज है। डाॅक्टरों के अनुसार संक्रमण के बाद इस बीमारी को बढ़ने से रोका नहीं जा सकता है। एक से दो दिनों में ही इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति कोमा में जा सकता है।
अगर यह है लक्षण तो तत्काल डाॅक्टर से परामर्श लें -तेज बुखार
-चक्कर आना
-सिर में लगातार दर्द रहना
-धुंधला दिखना
-सांस में तकलीफ
-चक्कर आना
-सिर में लगातार दर्द रहना
-धुंधला दिखना
-सांस में तकलीफ