गोरखपुर

सीएम के जिले में फर्जी लाइसेंस के साथ बेचा जाता है अवैध असलहा!

नवधनाढ्यों में असलहे के शौक से गोरखपुर में पनपा यह काला कारोबार
फर्जी लाइसेंस (fake arms license in CM city) बनवाकर असली की तरह आॅनलाइन भी करवा लेते थे धंधेबाज
लाइसेंस के साथ अवैध असलहा भी बेच देते थे दिखावा पसंद लोगों को

गोरखपुरAug 26, 2019 / 01:52 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

illegal weapons

शौक और दिखावे के लिए बढ़ते असलहे(Arms) के शौक ने फर्जीवाड़ों को एक स्मार्ट धंधा करने का मौका दे दिया। गोरखपुर में फर्जी लाइसेंस बनवाने और अवैध असलहा(fake arms license racket selling illegal arms) को बेचने के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। हद तो यह है कि फर्जी लाइसेंस पर तमाम असलहों के नंबर वगैरह आॅनलाइन भी कराए जा चुके हैं। ऐसे में पुलिस के लिए नए सिरे से असलहों की जांच करना भी एक टेढ़ी खीर बनती जा रही है। हालांकि, अवैध असलहा बेचने/लाइसेंस बनवाने के आरोप में रैकेट के तीन अहम सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। पुलिस जिसे मास्टर माइंड बता रही है, उससे भी पुलिस गोपनीय ढंग से पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि फर्जीवाड़े के इस रैकेट में कई सफेदपोश के चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं। फिलवक्त, पुलिस और प्रशासन जांच-पड़ताल में जुटा है।
दरअसल, एक पखवारा पहले सोशल मीडिया पर किसी के शस्त्र लाइसेंस का फोटो शेयर हो गया था। इस फोटो के शेयर होने के बाद सारा बवाल मच गया। शस्त्र लाइसेंस के फर्जी होने के शक पर किसी ने प्रशासनिक अधिकारियों तक यह सूचना दे दी। डीएम के.विजयेंद्र पांडियान ने पूरे मामले की विधिवत जांच पड़ताल कराई। जांच के पहले चरण में ही चैका दिया। पता चला कि फर्जी लाइसेंस बनाने का बड़ा रैकेट संचालित हो रहा है। यहां तक कि असली लाइसेंस की तरह इन लाइसेंसों को आॅनलाइन भी करा लिया गया था।
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गन हाउस से हो रहे थे सारे फर्जीवाड़े, तंत्र है लिप्त
असल में गोरखपुर में फर्जी लाइसेंस बनवाने में फर्जीवाड़े का यह खेल गन हाउस (Gun houses operating illegal arms selling and fake licensing) से संचालित हो रहे थे। शहर के विभिन्न गन हाउस में नवधनाढ्यों से मोटी रकम वसूल कर ये रैकेट फर्जी लाइसेंस तो बनवा ही देते थे साथ ही अवैध असलहे भी इनको थमाकर अपना कारोबार दिन दूनी रात चैगुनी कर रहे थे। पुलिस अभी तक एक दर्जन के आसपास असलहा की दुकानों पर छापेमारी कर चुकी है। एक गन हाउस के संचालत और उसके कर्मचारी को इस रैकेट का मुख्य मास्टर माइंड मान कर चल रही है। बीते दिनों पुलिस ने गन हाउस के कर्मचारी गोपी के घर पर छापा मारा था तो उसके घर में फर्जी लाइसेंस बनाने का ढेर सारा सामान बरामद हुआ था। उसके घर पर लाइसेंस की किताब, मजिस्ट्रेट की मुहर, कई रंग के पेन, और खूब सारी फाइलें बरामद हुई थी।
कर्मचारी जहां काम करता है गन हाउस के संचालक पड़े बीमार

बताया जा रहा है कि अवैध लाइसेंस बनाने का भंड़ाफोड़ होने के बाद गन हाउसों पर ताबड़तोड़ छापेमारी और जांच पड़ताल शुरू हुई। उधर, पुलिस जिस गन हाउस के संचालक को इस रैकेट का मुख्य हिस्सा मान रही है वह फिलहाल पीजीआई में भर्ती बताए जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस को सबसे बड़ी सफलता इस गन हाउस पर काम करने वाले कर्मचारी व इस रैकेट का सबसे अहम सदस्य गोपी के रूप में मिली है।
दो लोगों को किया जा चुका है गिरफ्तार, कई हिरासत में

असलहे का फर्जी लाइसेंस बनाने के रैकेट के पर्दाफाश में डीएम के.विजयेंद्र पांडियान की देखरेख में प्रशासनिक व पुलिस अमला जुटा हुआ है। फर्जी लाइसेंस बनवाने के आरोप में पुलिस हुमायूंपुर के रहने वाले तनवीर को गिरफ्तार कर चुकी है। तनवीर 2010 में फर्जी तरीके से लाइसेंस बनवाए थे। इसी आरोप में पीपीगंज के रहने वाले प्रापर्टी डीलर विजय प्रताप की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। तमाम लोग हिरासत में हैं जिनसे पूछताछ किया जा रहा है।
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