दरअसल, साफ-साफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए रेलवे प्रशासन ने सभी प्रमुख ट्रेनों में ओबीएचएस की व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था में कोचों की सफाई के बदले रेलवे को अपने पास से धन खर्च करना पड़ता है। नई व्यवस्था में सिर्फ विज्ञापन की अनुमति देने के बाद रेलवे को कुछ खर्च तो करना नहीं पड़ेगा, बदले में सफाई और मरम्मत के साथ कमाई भी हो जाएगी। आम यात्री को भी इस व्यवस्था से राहत मिलेगी। उन्हें सफर के दौरान सफाईकर्मियों को खोजना नहीं पड़ेगा।
एसी के यात्रियों को नहीं खोजना पड़ेगा मैकेनिक कोचों की साफ-सफाई तो रहेगी ही, सीट पर ही आवश्यक सामग्री भी मिल जाएगी। एसी के यात्रियों को मैकेनिक नहीं खोजना पड़ेगा। हेल्पर साथ ही चलेगा। गर्मी में एसी खराब होने की शिकायतें कम होने के साथ अवैध वेंडिंग पर भी अंकुश लगेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ मंडल ने यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के साथ रेल राजस्व की बचत एवं वृद्धि के लिए एक नवीन प्रस्ताव फाइनल किया है। इसके अंतर्गत संबंधित एजेंसी को विनायल रैपिंग के माध्यम से विज्ञापन करने का अधिकार होगा। एजेंसी को निर्धारित लाइसेंस शुल्क जमा करने के साथ ओबीएचएस की सुविधा भी देनी होगी।
15069/15070 गोरखपुर- ऐशबाग-गोरखपुर इंटरसिटी
20103/20104 गोरखपुर- एलटीटी-गोरखपुर सुपरफास्ट
15103/15104 गोरखपुर- बनारस-गोरखपुर इंटरसिटी
12529/12530 लखनऊ- पाटलीपुत्र-लखनऊ एक्सप्रेस
12533/12534 लखनऊ-सीएसटीएम-लखनऊ एक्सप्रेस
15111/15112 छपरा- बनारस-छपरा एक्सप्रेस
15005/15006 गोरखपुर-देहरादून-गोरखपुर एक्सप्रेस