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बिना अनुशासन जीवन व समाज दोनों खतरे में: योगी आदित्यनाथ

locationगोरखपुरPublished: Dec 05, 2017 07:45:42 am

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया सीएम योगी आदित्यनाथ

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गोरखपुर। जीवन में आगे बढ़ने के लिए आधुनिक शिक्षा व तकनीकी ज्ञान आवश्यक है परन्तु इसके साथ ही अनुशासन भी बेहद जरूरी है। बिना अनुशासन के जीवन एवं समाज दोनों खतरे में पड़ जाते है। ज्ञान एवं तकनीक से समृद्ध परन्तु अनुशासनहीन उत्तर कोरिया का शासक पूरी मानवता के लिए खतरा बना हुआ है। इसलिए आवश्यक है कि शिक्षा के गुणवत्ता के साथ-साथ राष्ट्रीयता को भी बढ़ायें।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। मुख्यमंत्री महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 85वें स्थापना समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 1932 में ब्रहमलीन महन्त दिग्विजयनाथ ने किया था। उस समय देश आजाद नही था, शिक्षा की बेहद दुर्दशा थी। आजादी के 70 साल बाद भी उत्तरप्रदेश में पूर्वांचल को पिछड़ा कहा जाता है तो आज से 85 वर्ष पूर्व के पूर्वांचल की कल्पना ही की जा सकती है परन्तु उनका मानना था कि शिक्षा ही वह हथियार है जिससे आने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप के नाम पर शिक्षण संस्था का नामकरण करने के पीछे मंशा थी कि यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में राष्ट्रप्रेम, त्याग एवं बलिदान का प्रारम्भ से ही बीजारोपण किया जा सके। सच्चाई यह है कि आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार से राष्ट्रप्रेम की भावना ही मुक्ति दिला सकती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अन्तर्गत 45 शिक्षण संस्थाएं संचालित है जो हर प्रकार की कला, वाणिज्य, विज्ञान, तकनीक, मेडिकल के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान कर रही है। वस्तुतः समाज एवं राष्ट्र की समस्याओं से इन शिक्षण संस्थाओं को जोड़ना होगा तथा हल निकालना होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में विषाणुजनित रोगों व इंसेफलाइटिस से मौते होती है। इसका सामना हम स्वच्छता अभियान संचालित करके कर सकते हैं। सभी शिक्षण संस्थाएं स्वच्छता अभियान को जनान्दोलन का रूप दें।
उन्होंने कहा कि कार्यालयों व शिक्षण संस्थाओं में तमाम अवकाश में कटौती की गयी है। उद्देश्य यह है कि बच्चों को उस दिन महापुरूषों व पर्व- त्यौहारों के बारे में जानकारी दी जाये। हमारी भारत माता रत्नगर्भा है और इसने समय समय पर कई महापुरूष, ऋषिमुनि दिये है जिन्होंने अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से समाज को नई दिशा दी है। कोर्स में न होने के बावजूद इनके बारे में छात्र छात्राओं को बताया जाये ताकि वे इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकें।
उन्होंने कहा कि मंदिर और तीर्थ स्थल राष्ट्र की एकात्मकता के प्रतीक है। यहां आकर व्यक्ति उर्जावान होता है और सत्कर्मों के प्रति प्रेरित होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म के प्रति प्रत्येक नागरिक अपना योगदान दे तो किसी प्रकार की समस्या न रह जाये।
छात्र बने हुनरमंद, परंपरागत शिक्षा से तकनीकी को भी जोड़ा जाए:त्रिवेंद्र रावत

समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शोभा यात्रा को झण्डी दिखाकर रवाना किया तथा परेड की सलामी लिया।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा राष्ट्र की संचेतना को जगाने वाली नई पीढ़ी को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने विवेकानन्द को याद करते हुए कहा कि भारत माता की अराधना से राष्ट्र प्रेम को जागृत करना होगा। उन्होंने कहा कि मानव समाज की सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षा है। तकनीकी ज्ञान एंव संचार क्रांति से पूरी दुनिया एक छोटे से गांव में बदल गयी है। शिक्षा के साथ ही छात्र छात्राओं को हुनरमन्द होना होगा। पारम्परिक शिक्षा से तकनीक को जोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश गुण्डा राज व भ्रष्टाचार से मुक्त हो गया है। प्रदेश के गुण्डों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें यथा स्थान पहुंचा दिया है। योगी को एक बड़ी चुनौती मिली और वे इसका सामना पूरी कर्मठता से कर रहे हैं। शासन प्रशासन के गड्ढे भर रहे है। प्रधानमंत्री प्रतिदिन प्रदेश के बारे में खबर लेते रहते हैं।
उन्होंने सराहना किया कि योगी आदित्यनाथ पूरी तटस्थता से कार्य कर रहे हैं और यही कारण है कि जनता को सुविधा के साथ साथ न्याय भी मिल रहा है। प्रदेश की सरकार द्वारा सज्जन व्यक्तियों को संरक्षण मिल रहा है। उन्होंने प्रदेश वासियों को उत्तराखण्ड आने तथा भ्रमण करने का आमंत्रण भी दिया।
मुख्यअतिथि ने शोभायात्रा रवाना की

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित गोरखपुर व महराजगंज जिले की 45 शिक्षण संस्थाओं के लगभग 5000 छात्र छात्राओं की शोभा यात्रा को रवाना किया। एन.सी.सी. रेडक्रास व अन्य की परेड की सलामी लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें शाल ओढ़ाया तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया। ब्रहमलीन राष्ट्रसंत दिग्विजयनाथ पर लिखित पुस्तक भेंट किया।
छात्र छात्राओं ने सरस्वती वंदना, कुलगीत प्रस्तुत किया। छात्र डॉ.अरविन्द चतुर्वेदी ने दिग्विजयनाथ स्त्रोत तथा प्रांगेश मिश्रा ने पूज्य अवेद्यनाथ स्त्रोत प्रस्तुत किया। समारोह का संचालन भगवान सिंह ने किया। सभी अतिथियों का स्वागत डॉ. उदय प्रताप सिंह ने किया।
इस अवसर पर महापौर सीताराम जायसवाल, विधायक डॉ.राधामोहन अग्रवाल, महेन्द्र प्रताप सिंह, शीतल पाण्डेय, विपिन सिंह, वाइस चान्सलर प्रो. वी.के. सिंह व प्रो. रजनीकान्त पाण्डेय, डॉ. वाई.डी. सिंह, प्रो.सदानन्द गुप्त, प्रो. के.एन. सिंह, डा. वी.पी. शाही, जिलाधिकारी राजीव रौतेला, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज, विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्य, जन प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे.
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