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जेई टीकाकरण के लिए अब घर घर दस्तक देंगे स्वास्थ्यकर्मी, छूटे बच्चों को लगेगा टीका

locationगोरखपुरPublished: Feb 26, 2019 01:58:05 am

जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए हो रहा टीकाकरण

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30 children Death

जनपद में सोमवार से जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) टीकाकरण अभियान का शुभारंभ हो गया। खोराबार के रानीडीहा स्थित स्वास्थ्य केंद्र से अभियान का उद्घाटन करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डाॅ. श्रीकांत तिवारी ने लोगों अपील की है कि वे अपने क्षेत्र की आशा-एएनएम से संपर्क कर अपने पाल्यों के साथ बूथ पर पहुंचे। जिन बच्चों को जापानीज इंसेफेलाइटिस का टीका नहीं लगा है, उन्हें टीका अवश्य लगवाएं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत जनपद में 25 फरवरी से 8 मार्च के बीच करीब 99 हजार ऐसे बच्चों को जेई टीके से प्रतिरक्षित किया जाना है, जो नियमित टीकाकरण में छूट गये थे।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एसीएमओ डाॅ. आईवी विश्वकर्मा ने बताया कि अभियान के तहत जनपद में करीब 600 स्वास्थ्यकर्मी (आशा-एएनएम) काम करेंगे और छूटे हुए बच्चों को प्रतिरक्षित करेंगे। नियमित टीकाकरण में नौ से बारह माह के बच्चों को जेई के टीके का पहला डोज जबकि सोलह से चैबीस माह की उम्र में दूसरा डोज लगाया जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. एके पाण्डेय ने कहा कि टीकाकरण अभियान के दौरान छूटे हुए बच्चों को एक डोज टीका लगाया जाएगा। अभियान में एक से पंद्रह साल तक के बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ओपीजी राव ने सभी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों व बीसीपीएम से कहा है कि वे आशा बहुओं के माध्यम से लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करें और ऐसे बच्चों को बूथ तक अवश्य लावें जिनको अभी तक जेई का एक भी डोज नहीं लगा है।
जेई से बचाव करता है टीका

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में जेई-एईएस कंसलटेंट डाॅ. सिद्धेश्वरी ने बताया कि जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) से बचाव में इस टीके का बड़ा महत्व होता है। जेई का टीका लगवाने के बाद बच्चे पर इस बीमारी के हमले का खतरा समाप्त हो जाता है। टीकाकरण के जरिये हम अपने पाल्यों को जेई से होने वाली मौत और विकलांगता के खतरे से बचा सकते हैं।
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