जानकारी के मुताबिक,गोला इलाके के एक गांव की नाबालिग लड़की रविवार की शाम से ही गायब थी। परिजन उसे लगातार ढूंढ रहे थे। दूसरे दिन गांव के एक मकान में परिजन पहुंचे तो वहां लड़की मिली। उसकी हालत देख परिजन हैरान हो गए। नाबालिग ने परिजनों से बताया कि गांव के अर्जुन ने अपने दो अन्य साथियों नसीम व राजन के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया। जबरन उसे इस मकान में लाए। जहां तीनों उसके साथ दो दिनों तक गैंगरेप किया। साथ ही नाम बताने पर धमकी भी दी। जिसके बाद परिजन मंगलवार को थाने पहुंचे और पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।गोला थाने के कोतवाल दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।आरोपितों के गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।दो दूसरे मामले में गगहा थाने की पुलिस ने दुष्कर्म के तीन आरेापितों को गिरफ्तार कर लिया। गगहा पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपितों गोलू पासवान पुत्र शिवकुमार और धर्मेंद्र प्रजापति पुत्र कुशहर निवासी सोहगौरा को गिरफ्तार किया।
मनोविज्ञान की प्रोफेसर अनुभूति दूबे बताती हैं कि ऐसा नहीं है कि अशिक्षा अज्ञानता गरीबी या मजबूरी के चलते आज हमारे समाज में अपराध बढ़ रहा हो। आज केवल एडवेन्चर या नशे की लत भी हमारे छोटे छोटे बच्चों को अपराध की दुनिया में खींच रही है।इसलिए बात आज एक मानव के रूप में दूसरे मानव के साथ,हमारे गिरते हुए आचरण की है,हमारी नैतिकता के पतन की है,व्यक्तित्व के गिरते स्तर की है,मृत होती जा रही संवेदनाओं की है,लुप्त होते जा रहे मूल्यों की है,आधुनिकता की आड़ में संस्कारहीन होते जा रहे युवाओं की है,स्वार्थी होते जा रहे हमारे उस समाज की है जो पर पीड़ा के प्रति भावना शून्य होता जा रहा है और अपराध के प्रति संवेदन शून्य,बात सही और गलत की है, बात अच्छाई और बुराई की है और बात हम सभी की अपनी अपनी "व्यक्तिगत" जिम्मेदारियों से बचने की है।