scriptजानिए सीडब्ल्यूसी में नामित यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के बारे में | Know all about the members nominated in CWC from UP | Patrika News

जानिए सीडब्ल्यूसी में नामित यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के बारे में

locationगोरखपुरPublished: Jul 18, 2018 04:31:51 pm

कांग्रेस वर्किंग कमेटी में यूपी के कर्इ नेताआे को मिली जगह

मिशन 2019 को फतह करने के लिए जोर आजमाईशें तेज करने की कवायद शुरू हो चुकी है। कांग्रेस भी अपने नेताओं को जिम्मेदारियां देकर चुनावी बिसात बिछाने में जुट गई है। कांग्रेस संगठन की सबसे महत्वपूर्ण कमेटी सीडब्ल्यूसी में पूर्वांचल के तीन कद्दावर नेताओं को जगह देकर यूपी के नेताओं में जोश भरने का काम किया है।
RPN Singh
पूर्वांचल की कई सीटों पर है आरपीएन की पकड़

पूर्व केंद्र्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबियों में शुमार हैं। पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री स्वर्गीय सीपीएन सिंह के पुत्र आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। 1996 में कांग्रेस-बसपा गठबंधन से वह पडरौना के विधायक चुने गए। इसके बाद लगातार तीन बार विधायक रहें। विधायक रहते हुए 2009 में पहली बार सांसद बने। सांसद बनने के बाद आरपीएन को मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सड़क परिवहन राज्यमंत्री बनाया गया। सड़क परिवहन के अलावा कई मंत्रालयों का कार्यभार संभालने वाले आरपीएन सिंह को बाद में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाया गया। आरपीएन सिंह सीडब्ल्यूसी में जाने के पूर्व भी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं। विधायक रहते हुए यूपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। यूपी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सहित कई पदों पर रहने के बाद राश्ट्रीय टीम का हिस्सा बने। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव रहने के बाद वर्तमान में पार्टी के प्रवक्ता के साथ साथ झारखंड प्रदेश के प्रभारी हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह कुर्मी-सैंथवार बिरादरी के बड़े नेता माने जाते हैं। पूर्वांचल की करीब आधा दर्जन सीटें इस जाति के प्रभाव क्षेत्र वाली सीटें मानी जाती हैं।
Anugrah Narayan Singh
सबसे अधिक पढ़े-लिखे मतदाताओं वाली सीट से विधायक रहे अनुग्रह

छात्र राजनीति से अपनी राजनैतिक यात्रा की शुरूआत करने वाले अनुग्रहनारायण सिंह अपने जुझारू तेवरों के लिए जाने जातेे हैं। इलाहाबाद विवि का अध्यक्ष रह चुके अनुग्रह नारायण सिंह चैधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल से 1985 में सबसे पहले विधायक बने। इसके बाद वह 1989 में जनता दल की टिकट पर विधानसभा में पहुंचने में सफल रहे। लेकिन राममंदिर आंदोलन की वजह से यूपी में वोटरों का मिजाज बदलना शुरू हुआ तो अनुग्रह को भी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, 2007 में अनुग्रह नारायण सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। चैथी बार वह विधानसभा 2012 में पहुंचे। इस बार भी कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया। लेकिन 2017 का चुनाव वह नहीं जीत सके। मूलरूप से प्रतापगढ़ के रहने वाले सिंह कांग्रेस के संगठन में भी विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। यूपी में कांग्रेस ने जब प्रदेश को जोन में बांटा था तो गोरखपुर जोन के वह प्रभारी बनाए गए थे। वह इस समय उत्तराखंड के भी प्रभारी के रूप में पार्टी का काम देख रहे हैं।
Keshav Chand Yadav
सांगठनिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं केशव चंद्र यादव

देवरिया के रहने वाले केशव चंद यादव राजनीतिक क्षेत्र में आने के पहले समाजसेवा में योगदान देते रहे हैं। युवाओं में अच्छी पकड़ रखने वाले केशव चंद्र यादव बेहतरीन संगठनकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। कुछ सालों पूर्व राहुल गांधी ने कांग्रेस के युवा संगठनों में चुनाव से पद देने की गई शुरूआत की उपज हैं। वह कांग्रेस के प्रदेश संगठन में चुनाव जीतकर गए। यूथ कांग्रेस में कई सालों तक सक्रिय रहे केशव पिछले दिनों नेशनल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। अध्यक्ष बनने के पूर्व केशव विभिन्न प्रदेशों के प्रभारी रह चुके हैं। वह अखिल भारतीय छात्र संगठन के भी सदस्य रह चुके हैं। केशव यूथ कांग्रेस की कमान संभालने वाले यूपी के दूसरे नेता हैं। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को यह मौका मिल चुका है।
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