ऐसे शुरू हुआ गोरखपुर में नए खाद कारखाने का सफर 1990 में फर्टिलाइजर बंद होने के बाद कागज में लगातार चलता रहा। उसके बाद लगातार आंदोलन होता रहा। जब भी देश में कोई संसदीय चुनाव होता तो पीएम कैंडिडेट फर्टिलाइजर चलाने का दावा करता। एक रिकार्ड को देखें तो अभी तक छह प्रधानमंत्री फर्टिलाइजर को चलाने का वादा कर चुके थे। बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने 24 जनवरी 2014 को मानबेला में जनसभा करने आए और मंच से ही वादा किया कि फर्टिलाइजर चलेगा। उसके बाद मई 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के सातवें पीएम बने तो फर्टिलाइजर की बात एक बार फिर उठी और मुद्दा बना। 27 अप्रैल 2015 को नीति आयोग की समिति गठित की गई और गोरखपुर खाद कारखाने के लिए 26 अगस्त 2015 को रिक्वेस्ट आफ क्वालिफिकेशन, 17 सितम्बर 2015 को इन्टेस्ट आफ एक्सप्रेशन और 8 सितम्बर को पूर्व बोली सम्मेलन आयोजित किया, लेकिन केवल एक आवेदक नहीं आने के कारण बोली रद्द कर दी गई। 2016 मई माह में फर्टिलाइजर चलाने की मंजूरी मिल गई और पीएम ने 22 जुलाई को शिलान्यास भी कर दिया। वर्तमान में भारत सरकार के अधीन एक नई कंपनी इस काम को अंजाम दे रही। फिलहाल पुरानी फैक्ट्री के कबाड़ को हटाने का काम चल रहा। 36 महीने में कारखाना के चालू किये जाने की बात भी चल रही।