गोरखपुर

योगी आदित्यनाथ के गढ़ में खून से लथपथ होती जमीन, कातिल बनते रिश्ते

दो दिनों में जर-जमीन के लिए अपनों ने ही पांच खून के रिश्ते वालों को उतार दिया मौत के घाट
 

गोरखपुरNov 13, 2017 / 12:26 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में जर, जमीन के लिये रिश्ते भी बेमानी हो जा रहे। खून के रिश्ते भी खूनी खेल में अपनों के खून से जमीन को रक्तरंजित कर दे रहे। पिछले दो दिनों में अपनों की वार से पांच जानें चली गई। जमीन तो अपनी ही जगह रह गई लेकिन रिश्तों पर छाया घना कोहरा और घनघोर हो गया।
जमीन की हवस में भाई की पत्नी व मासूम भतीजा को काटा

कैम्पियरगंज में जमीन पाने की हवस एक व्यक्ति पर इस कदर हावी हुआ कि अपने छोटे भाई की पत्नी व मासूम भतीजे को गड़ासे से काट डाला। डबल मर्डर को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया। मामला कैम्पियरगंज के बैजनाथपुर गांव के पिपराबारी का है।
गांव के रहने वाले रामजीत ने कप्तानगंज के राजपुर में मालती देवी से दूसरी शादी कुछ वर्ष पहले की थी। मालती भी शादीशुदा थी और उसकी गोद में पहले पति से एक लड़का था। यहां रामजीत से एक लड़का भी पैदा हुआ। रामजीत के मरने के बाद विवाद शुरू हो गया। रामजीत ने अपने छोटे बेटे लल्लन के नाम प्रॉपर्टी कर दी। जबकि पत्नी मालती देवी चाहती थी कि दोनों बेटों वीरेंद्र व लल्लन में बराबर का बंटवारा हो। लेकिन लल्लन किसी भी सूरत में तैयार नहीं था। रोज रोज कलह से आजिज़ वीरेंद्र के सर पर रविवार को खून सवार हो गया। उसने गड़ासे से छोटे भाई लल्लन की पत्नी संगीता (28) और तीन साल के मासूम आयूष को काट दिया। किसी तरह बूढ़ी माँ मालती देवी लल्लन के डेढ़ साल के बेटे को लेकर भागी तो उसकी जान बच सकी। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। विवादित 10 बीघा जमीन जस की तस है।
 

 

बहन की डोली के लिए जमीन बेची, छोटे भाई ने उठवाई अर्थी

खजनी में एक सहोदर ने अपने बड़े भाई को जमीन के एवज में मिली रकम की खातिर गोलियों से उड़ा दिया। जबकि जमीन को बहन की शादी की खातिर बेची गई थी। फिलहाल आरोपी भाई फरार है। खजनी क्षेत्र के बरवल माफी गांव के रहने वाले मुन्ना सिंह के चार लड़के व दो लड़कियां हैं, अजय सिंह, सुनील सिंह, विनीत और सूरज। अजय कोई बिजनेस करते व सुनील प्रॉपर्टी डीलिंग का काम। सूरज गांव में ही रहता जबकि विनीत दिल्ली में रहता है। मुन्ना सिंह की बेटी यानी अजय व सुनील की बहन की शादी तय है। इसकी खातिर उन्होंने एक बीघा के करीब खेत बेच दी थी। इस जमीन में सुनील हिस्सा मांग रहा था। बताया जा रहा कि जमीन के लिये उसने माँ-पिता को भलाबुरा भी कहा। उनके साथ मारपीट भी की। इसके बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ स्कार्पियो से निकला। रास्ते में ही अपने बड़े भाई को रोका। अपने लाइसेंसी असलाह से ताबड़तोड़ चार फायर माथे को निशाना बना कर दिया। गोली सर में लगते ही अजय वहीं जमीन पर गिर पड़े। सुनील ने इत्मीनान कर लिया इसके बाद भाग निकला। कुछ रुपयों की हवस में सुनील अपने बड़े भाई की जान ले चुका था।
 

धन की लालच में दोस्त ने की दोस्त की हत्या

धन का लालच इतना बुरा है कि दोस्त ने कई साल की दोस्ती को तिलांजलि देकर अपने ही दोस्त की निर्मम हत्या कर दी। महेवा शिवपुरी कालोनी निवासी योगेश दत्त पाण्डेय की शनिवार की शाम को कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के राजपुर गांव के सहजनवा टोला में जंगल में लाश मिली थी। गमछे से बांध कर प्लास्टिक में लपेट कर शव को फेंका गया था। शव मिलने के कुछ घण्टे बाद पुलिस ने पहचान कराई। पुलिस के अनुसार, उधार के रुपये मांगने उसके स्कूल आये प्रॉपर्टी डीलर दोस्त योगेश दत्त पांडेय की हत्या अपने साथियों के संग मिलकर राहुल राय ने कर दी। लाश छिपाने का भी पूरा प्रयास किया, लेकिन शनिवार को लाश बरामद होने के बाद मामला खुल गया। राहुल राय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफसर डॉ.आरडी राय के इकलौते सुपुत्र हैं। पिता यूनिवर्सिटी में शिक्षक तो माँ और दोनों बहनें भी शिक्षक हैं। पत्नी भी शिक्षक है। राहुल पर योगेश की 22 लाख रुपये की देनदारी है। वह अपनी पत्नी को बताकर राहुल के घर निकल था। लेकिन जब वह रात तक घर नहीं आया तो उसकी खोजबीन शुरू हुई।
धन लूट लिया और जान से मार दी

कुसुम्ही जंगल में मिली लाश का जब गोरखपुर पुलिस में शिनाख्त कराया तो होश उड़ गए। रुपये लूटने की नीयत से हत्या की गई थी। शुक्रवार की शाम को पुलिस ने खोराबार के गोरायावीर मंदिर के पास शव बरामद किया था। पुलिस के अनुसार कुशीनगर के रहने वाले गुड्डू सिंह हैदराबाद से वापस आ रहे थे।शुक्रवार की शाम को हैदराबाद से गोरखपुर पहुंचे। ऑटो पकड़कर घर आ रहे थे। देर शाम को वह ऑटो से कुशीनगर जा रहे थे कुसुम्ही तक परिजन के संपर्क में थे। इसके बाद मोबाइल नहीं मिला। बाद में लाश मिली जिसकी शिनाख्त पुलिस ने कराई। रास्ते में उनके साथ लूट हुई और उनकी हत्या कर लाश जंगल में फेंक दी गई। बताया जा रहा कि इस हत्या में कोई जान पहचान का भी शामिल है।
जमीन के लिए अपने पर गोली चलाने से नहीं चूके, बालबाल बचे

गोला क्षेत्र के चिट्ठेपार गांव के रामाश्रय शुक्ल और सुरेन्द्र शुक्ल के बीच रास्ते को लेकर काफी समय से विवाद है। रामाश्रय शुक्ल को आवास मिला है। रविवार को वह निर्माण करा रहे थे। उनकी मदद में उनके रिश्तेदार बेलघाट के बौरडीह गांव के सेना के रिटायर जवान विवेक मिश्रा आए हुए थे। विरोधी पक्ष सुरेंद्र काम रोकने पहुंचे। कहासुनी हुई। सुरेंद्र ने बिना देर किये अपने लाइसेंसी असलाह से गोली चला दी। संयोग ठीक था कि निशाना चूक गया और कोई हताहत नहीं हुआ, नहीं तो जमीन एक और क़त्ल की वजह बनती।
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