Read this also: श्रेया बनीं मिस फ्रेशर तो अंकित मिस्टर फ्रेशर मंडलायुक्त ने कहा कि हमे केवल कैम्प के बल पर निर्भर नही रहना चाहिए बल्कि बच्चो को इलेक्ट्रानिक तरीके से चिन्हित करते हुए उनके पुनर्वास के लिए कार्य करना चाहिए साथ ही उनको कौशल विकास से कैसे जोड़ा जाये इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाये जब दिव्यांगों का आर्थिक स्वावलम्बन होगा तो सही मायने में उनका सशक्तिकरण होगा।
जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पाण्डियन ने कहा कि हजारों बच्चे जेई एईएस से विकलांग होते थे। दो वर्षों से जेई एईएस पर नियंत्रण किया गया है और प्रयास है कि अगले वर्ष जेई एईएस बीमारी का खात्मा कर दिया जाये। बच्चों की दिव्यांगता को छिपाये नही बल्कि जानकारी होते ही उसका इलाज करायें।
शिविर का उद्घाटन दिव्यांग बच्ची खुशी ने फीता कर किया। इस अवसर पर विभिन्न विधा के डाक्टरों के द्वारा जांच भी की गयी। इस अवसर पर अपर निदेशक स्वास्थ्य, प्रधानाचार्य बीआरडी मेडिकल कालेज सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पाण्डियन ने कहा कि हजारों बच्चे जेई एईएस से विकलांग होते थे। दो वर्षों से जेई एईएस पर नियंत्रण किया गया है और प्रयास है कि अगले वर्ष जेई एईएस बीमारी का खात्मा कर दिया जाये। बच्चों की दिव्यांगता को छिपाये नही बल्कि जानकारी होते ही उसका इलाज करायें।
शिविर का उद्घाटन दिव्यांग बच्ची खुशी ने फीता कर किया। इस अवसर पर विभिन्न विधा के डाक्टरों के द्वारा जांच भी की गयी। इस अवसर पर अपर निदेशक स्वास्थ्य, प्रधानाचार्य बीआरडी मेडिकल कालेज सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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