मऊ का रहने वाला है माफिया रमेश
मऊ के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के कैथवली गाव निवासी रमेश सिंह काका पूर्वाचल में माफिया डॉन के नाम से जाना जाता है। विभिन्न जिलों में उसके ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट आदि के 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। आजमगढ़ जेल में रखे गए रमेश सिंह काका ने शनिवार को पूर्व मंत्री अंगद यादव से विवाद कर लिया। जेल के अधिकारियों ने बीच-बचाव कर उन्हें अलग किया।
बवाल की आशंका पर भेजा गोरखपुर जेल
बवाल की आशंका में डीएम के निर्देश पर देर रात उसे गोरखपुर जेल भेज दिया गया। यहां उसे नेहरु बैरक में रखा गया है। अगस्त 2005 में हुए जेलर दीपसागर सिंह के हत्यारोपी माफिया रमेश सिंह के गोरखपुर पहुंचते ही यहां खलबली मच गई है। बुद्धि सागर सिंह का बेटा अनिल गोरखपुर जेल में बाबू के पद पर तैनात है। परिवार के लोग भी यहीं रहते हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी, जेलर रामकुबेर सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दे दी गई है। माफिया रमेश सिंह को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
बवाल की आशंका में डीएम के निर्देश पर देर रात उसे गोरखपुर जेल भेज दिया गया। यहां उसे नेहरु बैरक में रखा गया है। अगस्त 2005 में हुए जेलर दीपसागर सिंह के हत्यारोपी माफिया रमेश सिंह के गोरखपुर पहुंचते ही यहां खलबली मच गई है। बुद्धि सागर सिंह का बेटा अनिल गोरखपुर जेल में बाबू के पद पर तैनात है। परिवार के लोग भी यहीं रहते हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी, जेलर रामकुबेर सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दे दी गई है। माफिया रमेश सिंह को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
डिप्टी जेलर की हत्या में भी आया था नाम
23 नवंबर 2013 कसे वाराणसी के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस वारदात में भी माफिया रमेश सिंह काका का नाम आया था। बताया जा रहा है डिप्टी जेलर ने बंदियों के सामने माफिया के कपड़े उतरवाकर पिटाई की थी। अपमान का बदला लेने के लिए अपने साथियों से उसने वारदात को अंजाम दिलवाया।
23 नवंबर 2013 कसे वाराणसी के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस वारदात में भी माफिया रमेश सिंह काका का नाम आया था। बताया जा रहा है डिप्टी जेलर ने बंदियों के सामने माफिया के कपड़े उतरवाकर पिटाई की थी। अपमान का बदला लेने के लिए अपने साथियों से उसने वारदात को अंजाम दिलवाया।
मौलवी मो. यूनूस को मारी थी गोली सरायलखंसी में रमजान माह के दौरान रात में धार्मिक स्थल पर मांस फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश की थी। वहां मांस फेंकने पर मौलवी मो. यूनूस ने एतराज किया तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।