निर्मल कंवर- पुलिस बिना वजह आए दिन दबिश देकर परेशान कर रही है। दबिश के नाम पर कभी कागजात ले जाती है, कभी परेशान करती है। हाल ही में दबिश के नाम पर पोती का टेबलेट, मोबाइल ले गई। पोतियों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है, पुलिस के डर के चलते रिश्तेदार व परिजन भी आने में भय खाते हैं। थानाधिकारी को पोती का सामान लौटाने के लिए कहा है, लेकिन वो टालमटोल कर रहे हैं, उसमें पढ़ाई व व्यक्तिगत जानकारियां हैं। टेबलेट व जरूरी सामान नहीं होने से पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।
निर्मल कंवर-अच्छी सुरक्षा का अगर सरकार वादा करती है तो सरेंडर कर देना चाहिए। अगर बाहर भागा है तो उसके पीछे कोई वजह हो सकती है। नहीं तो वो भागने वालों में से नहीं, हमेशा पुलिस का सहयोग किया है।
निर्मल कंवर-मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि फायरिंग में उसका हाथ है। पुलिस बिना वजह हर मामले में उसे घसीटने की कोशिश करती है। आनंदपाल शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार रहा है, सभी की इज्जत करता है। लोग राजनीति का शिकार बना रहे हंै, पुलिस अनुराधा को आनंदपाल सिंह की प्रेमिका बताती है। जबकि मेरे बेटे को ऐसा कोई भी गलत शौक नहीं है। वो चाल-चलन का बहुत ही अच्छा है। अनुराधा के साथ नाम जोडऩे से मुझे तकलीफ होती है।
निर्मल कंवर- चिन्नू अपने दादा की बरसी पर पिता आनंदपाल सिंह से मिली थी। ऐसा कौन सा कानून है जो बेटी को अपने पिता से मिलने की इजाजत नहीं देता है। रेड कॉर्नर नोटिस बहुत बड़े अपराधियों के लिए जारी होता है। उसने तो कोई अपराध नहीं किया है। मंजीत को पुलिस ने हाई सिक्योरिटी जेल में डाल रखा है, ऐसा कौनसा अपराध किया है, जो पुलिस इस प्रकार उसे यातनाएं दे रही है। मुझे यह सोचकर बड़ी तकलीफ होती है।