18 साल की नौकरी में 14 जिलों के डीएम और दो जगह कमिश्नर रह चुके हैं आईएएस
गोरखपुरPublished: Sep 01, 2018 11:44:34 am
गोरखपुर मंडलायुक्त के रूप में मिली है तैनाती
18 साल की नौकरी में 14 जिलों के डीएम और दो जगह कमिश्नर रह चुके हैं आईएएस
गोरखपुर में नए मंडलायुक्त अमित गुप्ता 2000 बैच के आईएएस हैं। 18 साल की नौकरी में वह 14 जिलों में डीएम रह चुके हैं जबकि दो मंडल में मंडलायुक्त। शुक्रवार को वह गोरखपुर कमिश्नर के रूप में तैनात हुए थे।
नवागत मंडलायुक्त शुक्रवार की रात को गोरखपुर पहुंचे। चार्ज लेने के बाद सर्किट हाउस पहुंचे मंडलायुक्त ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाई।
उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं वाली कार्ययोजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए काम करेंगे। शासन की योजना पात्रों तक पहुंचे इसकी कोशिश की जाएगी। गोरखपुर मंडल की समस्याओं को चिन्हित कर अभियान चला कर उनका निराकरण प्राथमिकता के साथ होगा।
इसके पूर्व सर्किट हाऊस पहुंचे नवागत मंडलायुक्त अमित गुप्ता का जिले के अधिकारियों जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पांडियन, सीडीओ अनुज कुमार, अपर आयुक्त प्रशासन अजय कांत सैनी, अपर आयुक्त रतिभान, एडीएम प्रशासन प्रभुनाथ, सिटी मजिस्ट्रेट अजीत कुमार, एसडीएम सदर गजेंद्र, एडी मेडिकल हेल्थ पुष्कर आनंद, गीडा के एसीओ एके सिंह, तहसीलदार कैम्पियरगंज संजीव कुमार दीक्षित, तहसीलदार सदर समेत अन्य ने बुके देकर उनका स्वागत किया।
2000 बैच के आईएएस अमित गुप्ता प्रतापगढ़, कन्नौज, श्रावस्ती, बंदायूं, महराजगंज समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में डीएम के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। मंडलायुक्त के रूप में तैनाती के पहले वह राज्य विद्युत उत्पादन निगम एवं पारेषण निगम के अध्यक्ष और एमडी रहे।
अमित गुप्ता मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं। इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के अमित गुप्ता इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन से बैचलर्स डिग्री होल्डर हैं। वह झांसी के भी कमिश्नर रह चुके हैं।
बता दें कि गोरखपुर के कमिश्नर के रूप में काफी दिनों से अनिल कुमार तैनात रहे। दो दिन पहले शासन द्वारा जारी तबादला आदेश में अनिल कुमार का ट्रांसफर कर दिया गया। उनकी जगह समीर वर्मा को यहां का नया मंडलायुक्त बनाया गया। लेकिन समीर वर्मा का तबादला शुक्रवार को अचानक से रद कर दिया गया। इसके बाद उनकी जगह पर अमित गुप्ता की तैनाती कर दी गई। नई तैनाती आदेश जारी होने के बाद उन्होंने गोरखपुर पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया।
कार्यभार संभालने के बाद देर रात तक अधिकारियों के मिलने का सिलसिला जारी था।