सुरेंद्र का आरोप है कि सीएचसी अधीक्षक ने उनसे बदले में परिवार के किसी सदस्य को ड्यूटी पर भेजने को कहा। मजबूरी में उन्होंने 11वीं में पढ़ने वाली अपनी नाबालिक बेटी को ड्यूटी पर भेज दिया। साथ ही बताया कि उनकी बेटी को सैंपलिंग के दौरान कोरोना जांच किट को निकालने और पैक किट को बक्से में रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसकी तस्दीक सुरेंद्र की नाबालिग बेटी ने भी की है। ड्यूटी के दौरान ही किसी ने उसकी वीडियो बना ली और वायरल कर दी।
सीएचसी सहजनवां प्रभारी डॉ. सतीश सिंह ने बताया कि चालक की ड्यूटी मुरारी इंटर कालेज में नहीं थी। वह अक्सर ड्यूटी से गायब रहता है। उसकी बेटी वहां कैसे पहुंची, इसकी जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी।