पार्टी की प्राथमिक सदस्यता रद करने के साथ बाहुबलि विजय मिश्र को बाहर का रास्ता दिखाया
गोरखपुर। निषाद पार्टी ने अपने एकमात्र विधायक विजय मिश्र को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। भाजपा से नजदीकी उनपर भारी पड़ी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ.संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी में रहकर विजय मिश्र भाजपा का प्रचार कर रहे थे। ऐसे में इस पार्टी में रहने का उनको अधिकार नहीं है। विधायक विजय मिश्र को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से मुक्त कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को निषाद दल में आवश्यकता नहीं है जो केवल वोटबैंक की खातिर पार्टी में रहे। अब विजय मिश्र के लिए विकल्प खुला है, कहीं भी जाएं। हमारी पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में ईमानदारी से
काम करने वालों को जगह है, दगा देने वालों को पार्टी में एक पल भी रहने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा सदस्यता रद करने के लिए पार्टी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा जाएगा। निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं और इसके वोटरों के साथ उन्होंने दगा दिया है। जनता उनसे अपना हिसाब लेगी।
बता दें कि विजय मिश्रा ज्ञानपुर से निषाद पार्टी से विधायक हैं. उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में
अखिलेश यादव द्वारा टिकट काटे जाने के बाद निषाद पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के साथ भाजपा के
नंद गोपाल नंदी पर रिमोट बम से हमला करने का आरोप भी है।
शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी की व्हिप की अवहेलना करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोटिंग की।
शनिवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने अनुशासनहीनता के आरोप में विधायक विजय मिश्रा को पार्टी से निलंबित कर दिया और उनकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिए पत्र भेजा जाएगा।