तीन अप्रैल की देर शाम गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के दो जवान पर मुर्तजा ने धारदार हथियार से हमला कर दिया था। गोरखनाथ थाने में उसके खिलाफ हत्या की कोशिश, सरकारी कार्य में बाधा डालने, सेवन सीएलए समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। चार अप्रैल को गोरखनाथ पुलिस ने मुर्तजा को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड में मांगी थी।जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने 11 अप्रैल की दोपहर दो बजे तक के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की थी।पांच अप्रैल को मुकदमे की विवेचना एटीएस को ट्रांसफर हो गई जिसके बाद एटीएस उसे लेकर लखनऊ चली गिई।वहीं पर मुर्तजा उसके माता-पिता व करीबियों से पूछताछ की जा रही है।पूछताछ में सामने आए तथ्य के आधार पर एटीएस मुर्तजा की कस्टडी रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है।शुक्रवार को एटीएस की ओर से कस्टडी रिमांड बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई थी।
मुर्तजा के बड़े पिता खालिद अब्बासी का नहीं दर्ज हुआ बयान- अहमद मुर्तजा अब्बासी के बड़े पिता डा. खालिद अहमद अब्बासी रविवार की शाम को पुलिस कंट्रोल रूम के पास स्थित एटीएस कार्यालय में बयान दर्ज कराने पहुंचे। कार्यालय में मौजूद दारोगा व सिपाहियों ने बयान दर्ज करने से मना कर दिया। करीब 30 मिनट तक कार्यालय में रहने के बाद डा. अब्बासी घर लौट गए। एटीएस के उप निरीक्षक दिनेश कुमार पांडेय गोरखनाथ थाने में दर्ज हुए मुकदमे की विवेचना कर रहे हैं। शुक्रवार को विवेचक की ओर से मुर्तजा के बड़े पिता डा. खालिद अहमद अब्बासी को नोटिस भेजा गया कि तत्काल लखनऊ के नादरगंज स्थित एटीएस के मुख्यालय पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराएं। अपने साथ आधार कार्ड, पहचान पत्र व निवास प्रमाण लेकर जांए। आदेश की अवहेलना पर आपके विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी।
गोरखपुर में दर्ज हो बयान अपनी उम्र 65 साल होने की जानकारी देते हुए डाक्टर खालिद अब्बासी लखनऊ की जगह गोरखपुर कार्यालय पर बयान दर्ज कराने शनिवार की रात में पहुंच गए, लेकिन उन्हें लौटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने एटीएस के एडीजी व एसएसपी को ईमेल कर बताया कि उनकी उम्र 65 वर्ष है। कानून के मुताबिक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उनसे पूछताछ/बयान उसी जिले में दर्ज किया जाए।