इनलोगों में मांग की कि रोहिंग्या मुसलमानों का जनसंहार रोका जाये, रोहिंग्या मुसलमानों की जान, माल, इज्जतों-आबरु की हिफाजत व हर तरह की मदद पहुंचाई जाये, कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु ‘‘अशीन विराथु’’ को आतंकवादी घोषित की जाए। ज्ञापन के माध्यम से मांग किया कि आंग सान सू ची से नोबेल पुरस्कार वापस की जाए, रोहिंग्या मुसलमान शर्णार्थियों को भारत से न निकाला जाये। इसके अलावा रॉ के पूर्व अधिकारी आरएसएन सिंह को गिरफ्तार करने के साथ भारतीय मीडिया पर जनभावना को ठेस पहुंचाने वाले डिबेट्स व अन्य कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की गयी। इस दौरान जोरदार नारे लगाये गये।
इस दौरान मोहम्मद आजम, एहसान जुल्फेकार, फरुख जमाल, अशफाक मेकरानी, आफताब निजामी, इसरार, सैयद शहनवाज, मोहम्मद फैज, कारी शाह आलम, इरफानुल्लाह मुगल, शौऐब खान एडवोकेट, तबरेज खान, सैयद फरहान अहमद, नदीम कादरी, नौशाद अंसारी, मोहम्मद आजम, डा. शाहिद रानू, फिरोज अख्तर, इबरार अत्तारी, मोईन बशर चिश्ती, लड्डू, जाफर अली जिप्पू, राजिक खान, सगीर अहमद, लड्डन खान, ख्वाजा जियाउद्दीन, मोहम्मद कैश अंसारी, आदिल अमीन आदि मौजूद रहे।
1. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन राज्य से जो रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी बनकर भारत आना चाहते हैं उन्हें आने दिया जाए। जो रोहिंग्या मुसलमान भारत में पहले से रह रहे हैं उन्हें निकाला न जाए। उनके जीवनयापन का प्रबंध किया जाए।
3. जो रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश के बार्डर पर खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं उनकी हर सम्भव मदद की जाए।
4. राॅ के पूर्व अधिकारी आरएसएन सिंह के द्वारा तौहीन-ए-रिसालत और मुसलमानों की मां हज़रत आयशा रज़ि. की शान में भी गुस्ताख़ी की गई है। तत्काल उनके खि़लाफ़ एफआईआर दर्ज करके जेल की सलाख़ों के पीछे डाला जाए।
5. भारतीय मीडिया को सख़्ती से मना किया जाए कि इस तरह की साम्प्रादायिक डिबेट्स को न दिखाया जाए जिससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचने का ज़रा सा भी शक हो।
-यूएनओ के महासचिव से मांग
1. म्यांमार (बर्मा) की नोबेल पुरस्कार प्राप्त नेशन स्टेट काउंसलर ‘‘आंग सान सू ची’’ का नोबेल पुरस्कार तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
2. म्यांमार (बर्मा) के कट्टरपंथी बौद्घ भिक्षु ‘‘अशीन विराथु’’ को ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी’’ घोषित किया जाए।
3. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन (अराकान) इलाक़े से जो रोहिंग्या मुसलमान भगाए गए हैं संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) को चाहिए कि तत्काल बिना शर्त उनकी वापसी कराए।
4. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन (अराकान) इलाक़े से जो मुसलमान शरणार्थी बनकर बांग्लादेश आना चाहते हैं उन्हें बांग्लादेश आने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाया जाए कि वह उनको बांग्लादेश में जगह दें।
5. संयुक्त राष्ट्र संघ रोहिंग्या मुसलमानों के रोटी, कपड़ा, दवा और मकान की समुचित व्यवस्था का प्रबंध कर आर्थिक मदद भी करे ।
6. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन (अराकान) इलाक़े में निहत्थे रोहिंग्या मुसलमानों पर फ़ौज द्वारा जो जुल्म ढ़ाया जा रहा है उसे रोका जाए और तत्काल वहां संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की फ़ौज को भेजकर रोहिंग्या मुसलमानों की मदद की जाए।
7. जो रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश बार्डर पर खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं उनकी हर सम्भव मदद की जाए। input- धीरेंद्र गोपाल