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सीएम योगी के जिले में मुस्लिम उतरे सड़क पर, रोहिंग्या मुसलमानों की रक्षा के लिए भारत अपनी फ़ौज भेजे बर्मा

locationगोरखपुरPublished: Sep 12, 2017 04:42:30 pm

‘रोहिंग्या मुसलमानों’ को इंसाफ व आरएसएन सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मुसलमानों ने किया प्रदर्शन, -भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को देश से न

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मुस्लिम प्रदर्शन

गोरखपुर. म्यांमार (बर्मा) में रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार व पूर्व रॉ अधिकारी आरएसएन सिंह द्वारा पैगम्बर साहब के बारे में अपमानजनक बातें कहे जाने के विरोध में अखिल भारतीय अल्पसंख्यक महासभा उप्र ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। टाउनहाल गांधी प्रतिमा के समक्ष सभा कर बौद्ध भिक्षु ‘अशीन विराथु’ का पुतला फूंका गया। इसके बाद भारत के राष्ट्रपति व संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के महासचिव को संबोधित ज्ञापन एडीएम प्रशासन पंकज श्रीवास्तव को सौंपा गया।

इनलोगों में मांग की कि रोहिंग्या मुसलमानों का जनसंहार रोका जाये, रोहिंग्या मुसलमानों की जान, माल, इज्जतों-आबरु की हिफाजत व हर तरह की मदद पहुंचाई जाये, कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु ‘‘अशीन विराथु’’ को आतंकवादी घोषित की जाए। ज्ञापन के माध्यम से मांग किया कि आंग सान सू ची से नोबेल पुरस्कार वापस की जाए, रोहिंग्या मुसलमान शर्णार्थियों को भारत से न निकाला जाये। इसके अलावा रॉ के पूर्व अधिकारी आरएसएन सिंह को गिरफ्तार करने के साथ भारतीय मीडिया पर जनभावना को ठेस पहुंचाने वाले डिबेट्स व अन्य कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की गयी। इस दौरान जोरदार नारे लगाये गये।
महासभा के अध्यक्ष जावेद सिमनानी ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों का कत्लेआम हो रहा हैं। बच्चे, बूढ़े, नौजवान, महिलाओं को मारा व जलाया जा रहा हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को जो यातनाएं दी जा रही हैं उसे देख व सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए परन्तु संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की ओर से अब तक कोई मदद नहीें की गई और न ही म्यांमार (बर्मा) सरकार पर कोई दबाव बनाया गया और न ही अन्तर्राष्ट्रीय फ़ौज भेजकर निहत्थे रोहिंग्या मुसलमानों का क़त्ल-ए-आम रोका गया, यह बहुत अफसोसनाक है। यूएनओ द्वारा अभी तक बर्मा के फ़ौजियों पर कोई कारवाई नहीं की गई। लगातार क़त्ल-ए-आम जारी है इसके पीछे वहां की सरकार, फ़ौज व एक कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु ‘‘अशीन विराथु’’ है। बौद्ध धर्म के विपरीत शिक्षा दे कर वह बौद्ध धर्म को भी बदनाम कर रहा है और कत्ल, लूट, डकैती, रेप आगजनी जैसा गंदा काम भी करवा रहा है । धर्म के नाम पर सरकार व फ़ौज का गलत इस्तेमाल किया जा रहा हैं। रोहिंग्या मु
सलमानों का नस्लीय जनसंहार ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद’’ है। उक्त जनसंहार म्यांमार की नोबेल पुरस्कार प्राप्त नेशन स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची की सरपरस्ती में हो रहा है। अशीनु विराथु को अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर आंग सान सू ची का नोबेल पुरस्कार वापस लिया जायें एवं रोहिंग्या मुसलमानों की जान, माल, इज्जतों आबरु की हिफाजत की जाये।
अधिवक्ता शुऐब खान सिमनानी ने कहा कि कुछ सिरफिरों की वजह से हम भारतीयों को ऐसा लगता है कि हम अपने देश में ही असुरक्षित हैं। अभी हाल में एक निजी चैनल पर डिबेट के दौरान राॅ का पूर्व अधिकारी आरएसएन सिंह पैगम्बर मोहम्मद साहब के बारे में अपमानजनक बात कहते हैं साथ ही आरएसएन सिंह पैगम्बर मोहम्मद साहब की पत्नी व मुसलमानों की मां हज़रत आयशा रज़ि. के बारे में भी अपशब्द कहते हैं। आरएसएन सिंह के इस कृत्य से मुसलमानों में काफी रोष हैं। राॅ के पूर्व अधिकारी आरएसएन सिंह के द्वारा दंगा कराने की भी कोशिश की जाती है परंतु आज तक न तो उसके खि़लाफ़ एफआईआर हुई न वह जेल गये। उन्होंने मांग किया कि आरएसएन सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की जायें और कड़ी से कड़ी सजा दी जाएं साथ ही ऐसे मीडिया पर भी लगाम लगायीं जाये जो जनभावना से खिलवाड़ करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोसी मुल्क म्यांमार (बर्मा) के रखाइन राज्य में रोहिंग्या मुसलमानों की नस्लीय जनसंहार किया जा रहा है। सरेआम बर्मा की फा़ैज के द्वारा मुस्लिम औरतों और लड़कियों के साथ रेप किया जा रहा है। मुसलमानों के कत्ल व घरों में आग लगाई जा रही है और कहा जा रहा है कि म्यांमार छोड़ कर चले जाओ। ज़ुल्म और सितम की इंतहा यहीं खत्म नहीं होती मौत से पहले जो यातनाएं लोगों को दी जा रही हैं उन्हें सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए। अफसोस है कि भारत सरकार की ओर से अब तक रोहिंग्या मुसलमानों की कोई मदद नहीं की गई और न ही बर्मा सरकार पर कोई दबाव बनाया गया। रोहिंग्या मुसलमानों की मदद के लिए सभी मुल्कों को आगे आना चाहिए।

इस दौरान मोहम्मद आजम, एहसान जुल्फेकार, फरुख जमाल, अशफाक मेकरानी, आफताब निजामी, इसरार, सैयद शहनवाज, मोहम्मद फैज, कारी शाह आलम, इरफानुल्लाह मुगल, शौऐब खान एडवोकेट, तबरेज खान, सैयद फरहान अहमद, नदीम कादरी, नौशाद अंसारी, मोहम्मद आजम, डा. शाहिद रानू, फिरोज अख्तर, इबरार अत्तारी, मोईन बशर चिश्ती, लड्डू, जाफर अली जिप्पू, राजिक खान, सगीर अहमद, लड्डन खान, ख्वाजा जियाउद्दीन, मोहम्मद कैश अंसारी, आदिल अमीन आदि मौजूद रहे।
-भारत के राष्ट्रपति से मांग


1. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन राज्य से जो रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी बनकर भारत आना चाहते हैं उन्हें आने दिया जाए। जो रोहिंग्या मुसलमान भारत में पहले से रह रहे हैं उन्हें निकाला न जाए। उनके जीवनयापन का प्रबंध किया जाए।
2. म्यांमार (बर्मा) के निहत्थे रोहिंग्या मुसलमानों पर बर्मा की फ़ौज के द्वारा जो जु़ल्म ढ़ाया जा रहा है उसे रोकवाया जाये। तत्काल वहां भारतीय फ़ौज को भेजकर रोहिंग्या मुसलमानों की मदद की जाए।

3. जो रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश के बार्डर पर खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं उनकी हर सम्भव मदद की जाए।


4. राॅ के पूर्व अधिकारी आरएसएन सिंह के द्वारा तौहीन-ए-रिसालत और मुसलमानों की मां हज़रत आयशा रज़ि. की शान में भी गुस्ताख़ी की गई है। तत्काल उनके खि़लाफ़ एफआईआर दर्ज करके जेल की सलाख़ों के पीछे डाला जाए।

5. भारतीय मीडिया को सख़्ती से मना किया जाए कि इस तरह की साम्प्रादायिक डिबेट्स को न दिखाया जाए जिससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचने का ज़रा सा भी शक हो।

-यूएनओ के महासचिव से मांग


1. म्यांमार (बर्मा) की नोबेल पुरस्कार प्राप्त नेशन स्टेट काउंसलर ‘‘आंग सान सू ची’’ का नोबेल पुरस्कार तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।


2. म्यांमार (बर्मा) के कट्टरपंथी बौद्घ भिक्षु ‘‘अशीन विराथु’’ को ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी’’ घोषित किया जाए।

3. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन (अराकान) इलाक़े से जो रोहिंग्या मुसलमान भगाए गए हैं संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) को चाहिए कि तत्काल बिना शर्त उनकी वापसी कराए।


4. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन (अराकान) इलाक़े से जो मुसलमान शरणार्थी बनकर बांग्लादेश आना चाहते हैं उन्हें बांग्लादेश आने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाया जाए कि वह उनको बांग्लादेश में जगह दें।

5. संयुक्त राष्ट्र संघ रोहिंग्या मुसलमानों के रोटी, कपड़ा, दवा और मकान की समुचित व्यवस्था का प्रबंध कर आर्थिक मदद भी करे ।


6. म्यांमार (बर्मा) के रखाइन (अराकान) इलाक़े में निहत्थे रोहिंग्या मुसलमानों पर फ़ौज द्वारा जो जुल्म ढ़ाया जा रहा है उसे रोका जाए और तत्काल वहां संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की फ़ौज को भेजकर रोहिंग्या मुसलमानों की मदद की जाए।

7. जो रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश बार्डर पर खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं उनकी हर सम्भव मदद की जाए।

input- धीरेंद्र गोपाल

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