Read this also: सुनिए सरकार ! यह बेटी लगा रही गुहार, क्या यही है बेटी पढ़ाआे-बेटी बचाआे अभियान सीएमओ डाॅ.श्रीकांत तिवारी ने बताया कि जिले में 23 टेबलेट वितरित किए गए हैं और एप को लेकर प्रशिक्षण भी दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रशिक्षण में गैर सरकारी संगठन पाथ का प्रशिक्षण संबंधी सहयोग लिया। एप में जानकारी फीड होने के बाद शासन स्तर से सभी फैक्ट्स की सीधी निगरानी की जाएगी और जहां भी गैप्स दिखेंगे, उनका अतिशीघ्र समाधान होगा। इससे इंसेफेलाइटिस उन्मूलन में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि ईटीसी, मिनी पीकू और पीकू के मजबूत होने के कारण इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
Read this also: मुख्यमंत्री के जिले के सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी देंगे इस्तीफा! उन्होंने बताया कि इंसेफेलाइटिस के कुल 136 केस इस वर्ष जनवरी से अब तक रिपोर्ट हुए हैं जिनमें से 61 केसेज का इलाज ईटीसी, मिनी पीकू और पीकू पर ही हो गया। 75 मरीज बीआरडी मेडिकल कालेज गए। धीरे-धीरे यह संख्या और भी कम होती जाएगी। उन्होंने बताया कि इस साल एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से कुल 05 जबकि जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) से 02 मौतें हुई हैं। हम व्यवस्था को और सुदृढ़ कर इसे शून्य तक लाना चाहते हैं।
आसान है फीडिंग
डाॅ. वीके राय ने बताया कि एप में फीडिंग काफी आसान है। इसमें आॅफलाइन फीडिंग की भी व्यवस्था है। सबसे अच्छी बात यह है कि एप से दवा, उपकरण और मानव संसाधन की भी निगरानी होगी। इससे इन बिंदुओं से जुड़ी समस्याओं का तात्कालिक समाधान हो जाएगा। प्रभारी चिकित्साधिकारी डाॅ. संतोष वर्मा ने बताया कि अब केस इंवेस्टीगेशन फार्म (सीआईएफ) आन लाइन भरा जाएगा। काम पेपरलेस होगा और आउटपुट अच्छा आएगा।
डाॅ. वीके राय ने बताया कि एप में फीडिंग काफी आसान है। इसमें आॅफलाइन फीडिंग की भी व्यवस्था है। सबसे अच्छी बात यह है कि एप से दवा, उपकरण और मानव संसाधन की भी निगरानी होगी। इससे इन बिंदुओं से जुड़ी समस्याओं का तात्कालिक समाधान हो जाएगा। प्रभारी चिकित्साधिकारी डाॅ. संतोष वर्मा ने बताया कि अब केस इंवेस्टीगेशन फार्म (सीआईएफ) आन लाइन भरा जाएगा। काम पेपरलेस होगा और आउटपुट अच्छा आएगा।
‘रीच यूपी एप’ को जानिए