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यूपी में इंसेफेलाइटिस उन्मूलन में हथियार बनेगा यह एप, एक क्लिक में ‘सरकार’ जान सकेंगे हकीकत

locationगोरखपुरPublished: Sep 08, 2019 02:27:17 pm

इंसेफेलाइटिस उन्मूलन

File Photo: CM Yogi Adityanath in encefelitis ward

File Photo: CM Yogi Adityanath in encefelitis ward

इंसेफेलाइटिस के घटते केसों से उत्साहित प्रदेश सरकार ने अब आॅनलाइन भी इंसेफेलाइटिस की निगरानी का प्राविधान किया है। ‘रीच यूपी एप’ से अब जिला, मंडल या शासन स्तर पर इंसेफेलाइटिस से जुड़े केसों, समस्याओं की निगरानी हो सकेगी, साथ ही त्वरित कार्रवाई भी हो सकेगी। ईटीसी सेंटर्स पर तैनात चिकित्साधिकारियों व स्टाॅफ नर्सेस को एप से जोड़ते हुए टेबलेट मुहैया कराया गया है। इस एप में दवा की उपलब्धता, मानव संसाधन की उपलब्धता और उपकरणों की स्थिति की रोजाना फीडिंग की जाएगी। एईएस और उच्च बुखार का मरीज एडमिट होने पर और डिस्चार्ज होने पर उसका पूरा विवरण भी भरा जाएगा।
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सीएमओ डाॅ.श्रीकांत तिवारी ने बताया कि जिले में 23 टेबलेट वितरित किए गए हैं और एप को लेकर प्रशिक्षण भी दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रशिक्षण में गैर सरकारी संगठन पाथ का प्रशिक्षण संबंधी सहयोग लिया। एप में जानकारी फीड होने के बाद शासन स्तर से सभी फैक्ट्स की सीधी निगरानी की जाएगी और जहां भी गैप्स दिखेंगे, उनका अतिशीघ्र समाधान होगा। इससे इंसेफेलाइटिस उन्मूलन में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि ईटीसी, मिनी पीकू और पीकू के मजबूत होने के कारण इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
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उन्होंने बताया कि इंसेफेलाइटिस के कुल 136 केस इस वर्ष जनवरी से अब तक रिपोर्ट हुए हैं जिनमें से 61 केसेज का इलाज ईटीसी, मिनी पीकू और पीकू पर ही हो गया। 75 मरीज बीआरडी मेडिकल कालेज गए। धीरे-धीरे यह संख्या और भी कम होती जाएगी। उन्होंने बताया कि इस साल एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से कुल 05 जबकि जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) से 02 मौतें हुई हैं। हम व्यवस्था को और सुदृढ़ कर इसे शून्य तक लाना चाहते हैं।
आसान है फीडिंग
डाॅ. वीके राय ने बताया कि एप में फीडिंग काफी आसान है। इसमें आॅफलाइन फीडिंग की भी व्यवस्था है। सबसे अच्छी बात यह है कि एप से दवा, उपकरण और मानव संसाधन की भी निगरानी होगी। इससे इन बिंदुओं से जुड़ी समस्याओं का तात्कालिक समाधान हो जाएगा। प्रभारी चिकित्साधिकारी डाॅ. संतोष वर्मा ने बताया कि अब केस इंवेस्टीगेशन फार्म (सीआईएफ) आन लाइन भरा जाएगा। काम पेपरलेस होगा और आउटपुट अच्छा आएगा।
‘रीच यूपी एप’ को जानिए

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