शुरू करते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिर क्षेत्र से। इस क्षेत्र के आसपास के मोहल्लों में सड़कों की स्थिति बेहद खराब हैं। राजेंद्र नगर पश्चिमी में अधिकतर सड़कों को देखकर गड्ढामुक्त सड़कों के दावों का सच समझ में आ जाएगा। भगौती चौराहे से निकलने वाली चारों सड़कों का हाल कुछ अच्छा नहीं हैं। यहाँ सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे तो मिल ही जाएंगे साथ ही ये सड़कें स्वच्छता अभियान को भी मुंह चिढ़ाती हुई मिल जाएगी। कोचिंग जा रहे एक छात्र अनिमेष में बताया कि पैदल इस सड़क से चलना दुष्कर काम है। गड्ढे तो हैं ही नालियों से ओवरफ्लो हुई पानी भी परेशानी का सबब है। टेम्पो चलाने वाले सुरेश बताते हैं कि हलकी सी बारिश यहाँ की सड़कों को तालाब बना देती।
शहर के बाहर की सड़कों की सूरत भी सरकारी दावों पर पानी ही फेर रही। नई सरकार बने छह महीने बीत चुके लेकिन अभी तक लोगों को कुछ ख़ास बदलाव नहीं नजर आया। गोरखपुर से बनारस जाने के लिए कुछ दिन पहले तक जो रूट चालू था, उससे गुजरते वक़्त हिचकोले सड़कों को दुरुस्त करने के लिए किये जा रहे काम की गवाही दे रहे। जिले के भलुआन चौराहा के आसपास मुख्यमार्ग का हाल उसपर के गड्ढे ही बयां कर दे रहे। गगहा क्षेत्र, हाटा चौराहा, गोरखपुर-कुशीनगर मार्ग पर भी जगह-जगह गड्ढे आये दिन राहगीरों को चुटहिल कर रहे। स्थानीय लोग बताते हैं कि सूबे में बीजेपी सरकार बनने से अधिक ख़ुशी इस बात को लेकर थी कि हमारे जिले के सीएम हैं तो क्षेत्र को विकास के लिए तरसना नहीं पड़ेगा, परन्तु छः महीने में तमाम योजनाओं की घोषणा भर से संतोष करना पड़ा। ग्रामीण कहते हैं कि अभी तक बदहाल सड़कों तक से छुटकारा नहीं मिल सका।
वादा था 15 जून तक का
बीजेपी ने भी विपक्ष में रहते हुए सड़क के मुद्दे पर समाजवादी सरकार को खूब घेरा था। चुनावी घोषणा पत्र में भी बदहाल सड़कों को दुरुस्त कर यूपी को गड्ढामुक्त करने का संकल्प लिया। हुआ भी सूबे के बीजेपी की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के रूप से कमान संभालते ही 15 जून तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने का फरमान भी जारी हो गया। जोरशोर से मंत्री से लेकर अधिकारी तक सड़क को गड्ढामुक्त करने का दावा करते रहे लेकिन समयावधि (15 जून) बीतने के बाद सड़कों की सूरत-ए-हाल में कोई तब्दीली न हो सकी। छह माह बीत चुके हैं लेकिन सड़कों के मामले में विकास की गंगा फिलहाल गोरखपुर से रूठी दिख रही।
बीजेपी ने भी विपक्ष में रहते हुए सड़क के मुद्दे पर समाजवादी सरकार को खूब घेरा था। चुनावी घोषणा पत्र में भी बदहाल सड़कों को दुरुस्त कर यूपी को गड्ढामुक्त करने का संकल्प लिया। हुआ भी सूबे के बीजेपी की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के रूप से कमान संभालते ही 15 जून तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने का फरमान भी जारी हो गया। जोरशोर से मंत्री से लेकर अधिकारी तक सड़क को गड्ढामुक्त करने का दावा करते रहे लेकिन समयावधि (15 जून) बीतने के बाद सड़कों की सूरत-ए-हाल में कोई तब्दीली न हो सकी। छह माह बीत चुके हैं लेकिन सड़कों के मामले में विकास की गंगा फिलहाल गोरखपुर से रूठी दिख रही।