Read this also: यूपी के इस मंत्री ने पूर्व मानव संसाधन मंत्री को लेकर कह दी बड़ी बात, लगाया यह आरोप यूपी के सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया गया है। किसी भी व्यक्ति के आत्मरक्षार्थ शस्त्र लाइसेंस जारी किया जाता है। लेकिन तमाम ऐसे मामले सामने आते हैं कि आत्मरक्षार्थ मिले शस्त्र लाइसेंस का संबंधित दुरुपयोग करते हैं। यथा किसी विवाद या वारदात में शामिल होने के बाद शस्त्रधारक बैकडेट में थाने या शस्त्र के दुकानदार की मिलीभगत से बैक डेट में शस्त्र जमा करा लिया जाता है। जानकार बताते हैं कि ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि शस्त्र लाइसेंस निरस्त न हो या घटना को अंजाम देने में उनका नाम आए भी तो कोर्ट में साबित न हो सके।
यूपी में बढ़ते अपराध पर सरकार चिंतित, असलहों के लिए बनाए नियम यूपी सरकार प्रदेश में बढ़ रहे अपराध और लाइसेंसी असलहों के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह नियम लागू किया है। अब कोई भी व्यक्ति बिना सौ रुपये के ट्रेजरी चालान के अपना असलहा जमा नहीं कर सकेगा। अगर असलहा बिना चालान के जमा किया गया तो संबंधित थानाध्यक्ष या शस्त्र दुकान का प्रोपराइटर जवाबदेह होगा। यूपी सरकार ने जिलों को नया शासनादेश जारी कर दिया है।