दरअसल, जनप्रतिनिधियों के मुकदमों के जल्द निस्तारण के लिए विशेष कोर्ट का गठन किया गया है। एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट द्वारा जनप्रतिनिधियों के मामलों की लगातार सुनवाई की जा रही है। करीब सात साल पहले 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान पडरौना कोतवाली में एक मारपीट समेत चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित पांच मुकदमें यूपी सरकार के वर्तमान मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर दर्ज हुए थे। कोर्ट के स्पेशल सेशन ट्रायल में इन पांचों केसों की सुनवाई जारी है। धारा 188 आईपीसी चुनाव अचार संहिता का उलंघन से संबंधित मामले, एक दूसरे मामले में दर्ज धारा 323, 506, 452 आईपीसी जिसमें घर में घुसकर मारपीट तथा जान से मारने की धमकी देने, धारा 171 एच आईपीसी विधानसभा चुनाव से संबंधित, चैथा केस धारा 188 व 171 एच आईपीसी चुनाव से संबंधित तथा पांचवां धारा 188 आईपीसी के मामले में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य हाईकोर्ट से पहले ही जमानत करा चुके हैं।
हाईकोर्ट से इन सभी मुकदमों का मामला विशेष अदालत एमपी एमएलए कुशीनगर में ट्रांसफर होने के बाद सुनवाई हो रही है। कुछ दिन पहले ही न्यायालय द्वारा 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था। लेकिन मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर न्यायाधीश ने काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसी के साथ इन मुकदमों में उनके सभी जमानतदारों को नोटिस जारी कर अगामी 21 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट से इन सभी मुकदमों का मामला विशेष अदालत एमपी एमएलए कुशीनगर में ट्रांसफर होने के बाद सुनवाई हो रही है। कुछ दिन पहले ही न्यायालय द्वारा 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था। लेकिन मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर न्यायाधीश ने काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसी के साथ इन मुकदमों में उनके सभी जमानतदारों को नोटिस जारी कर अगामी 21 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।