scriptनैतिकता बची हो तो इस्तीफा दे सरकारः अजय कुमार लल्लू | Opposition Hit out at BJP's 'Politics of Hatred' Over Dalit Murder | Patrika News

नैतिकता बची हो तो इस्तीफा दे सरकारः अजय कुमार लल्लू

locationगोरखपुरPublished: Feb 14, 2018 01:21:02 am

सरेआम दलित छात्र की हत्या सरकार के मुंह पर कालिख जैसा

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अजय कुमार लल्लू विधायक कप्तानगंज

गोरखपुर। भाजपा सरकार में यदि थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो उसे इस्तीफा देना चाहिए। इलाहाबाद में सरेआम दलित छात्र की हत्या सरकार के मुंह पर कालिख जैसा है।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने इलाहाबाद में दलित छात्र की हत्या के बाद कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होनें कहा कि प्रदेश में न गुण्डाराज न भ्रष्टाचार का नारा देते हुए भाजपा सरकार ने जनता के छल किया है। दलित उत्पीडन की घटनाएं प्रदेश के सभी क्षेत्रों में हो रही है, परंतु सरकार इसको रोकने में नाकाम साबित हुई है। गोरखपुर में अपनी बहन को छेडछाड़ से रोकने पर एक दलित नौजवान को कट्टे के बट से मारा गया, बलिया में दो दलित नौजवानों को बैल चोरी का गलत आरोप लगाकर पिटाई की गयी और बाल काट कर घुमाया गया, सहारनपुर में मकर संक्रांति के समय एक दलित युवक की पिटाई की गयी। भाजपा का समरसता भोज ढोंग है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में जहां पर भी भाजपा की सरकार है, वहां पर दलित उत्पीडन की घटनाओं में वृद्वि हुई है। गुजरात में गरबा के दौरान दलित की हत्या, महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में दलितों के खिलाफ हमला, मध्यप्रदेश के छतरपुर में दबंग ने मासूम दलित छात्रा से जबरदस्ती मल उठाकर फेंकवाया तो भिंड जिले में लोहरिकापुरा गांव में एक दलित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को उसके शव को मुक्तिबोध में जलाने की इजाजत कुछ उच्च जाति के दबंगो ने नहीं दी। भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद रावण को जमानत मिलने के बाद रासुका लगाकर पुनः निरूद्व करने की घटनायें भाजपा के चरित्र को उजागर करती है। जितने अपराध पंजीकृत होते हैं उनमें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न निवारण कानून के अंतर्गत अपराध दर्ज नहीं किये जाते हैं, जो मुकदमें विचारण के लिए जाते हैं उसमें बहुसंख्यक मुकदमों में अपराधियों को छोड़ दिया जाता है। उन्होनें आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन, पुलिस और कोर्ट सबकुछ सरकार के होने के बाद भी इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति शर्मनाक है।
उन्होनें इलाहाबाद की घटना की घोर निंदा करते हुए सरकार की कार्यप्रणाली की भी निंदा की और कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर त्वरित न्यायालय में इस घटना का विचारण कर एक महीने के अंदर दोषी अपराधियों को कठोर से कठोर सजा दिलायी जाये। उन्होंनेे मांग किया कि सरकार मृतक छात्र दिलीप के परिवार को 50 लाख रूपये का मुआवजा दे और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करे। उन्होनें शोक संतृप्त परिवार के इस दुख की घड़ी में साथ होने की बात भी कही।
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