पंचायत प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला, वोट नहीं देने की अपील
गोरखपुरPublished: May 15, 2019 12:33:48 am
लोकसभा चुनाव 2019
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यूपी में पंचायत प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा की खिलाफत का ऐलान किया है। पंचायत प्रतिनिधि महासंघ ने आरोप लगाया है कि न्याय पंचायतों के गठन को मुद्दा बनाते हुए सरकार में आई भाजपा ने अपने उत्तर प्रदेश सरकार के गठन के सौवें दिन ही अपने कैबिनेट की बैठक में परंपरा से चली आ रही न्याय पंचायतों को खत्म करने का प्रस्ताव पास करा धोखा देने का काम किया है।
पंचायत प्रतिनिधि महासंघ के अध्यक्ष डाॅ.चतुरानन ओझा ने कहा कि परंपरा से चली आ रही न्याय पंचायतों को खत्म करना भारतीय संस्कृति की आत्मा की हत्या करने के समान था। कई दशक से सरकारों ने नौकरशाही के दबाव में न्याय पंचायतों के गठन में आनाकानी की थी किंतु कभी किसी की हिम्मत उसके संवैधानिक विधान को चुनौती देने और खत्म करने की नहीं हुई, लेकिन भाजपा ने उसकी संवैधानिक हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि ऐसे में सभी नागरिकों, पंचायत प्रतिनिधियों का यह कर्तव्य बनता है कि बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंके और विरोध में मतदान करे।
उन्होंने कहा कि न्याय पंचायत व्यवस्था सामाजिक ढांचा को मजबूत करता था। जनता को मिल बैठकर अपने पंच और सरपंच के माध्यम से, बिना थाने और कचहरी गए, बिना वकील और फीस जमा किए, निशुल्क न्याय हासिल हो जाता था। लेकिन इस सहज न्याय व्यवस्था को भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया।