प्लास्टिक पार्क में 92 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी। यहां प्रशासनिक भवन, कामन फैसिलिटी सेन्टर और भंडारण इकाइयां भी संचालित होंगी। इन भूखंडों का क्षेत्रफल 600 वर्गमीटर से लेकर 17000 वर्गमीटर तक होगा। प्रशासनिक भवन 900 वर्गमीटर में बनेगा। जिसमें भूतल में बैंक, कैंटीन एवं प्राथमिक चिकित्सा केंद्र होगा। प्रशासनिक भवन के प्रथम तल पर श्रमिकों के लिए डारमेट्री एवं प्रबन्धकीय आवास मौजूद रहेगा।
सीपेट भी खुलेगा- प्लास्टिक पार्क में शोध के लिए पांच एकड़ में केन्द्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान (सीआइपीईटी) की शाखा भी स्थापित होगी। सेंटर में उद्यमियों के लिये प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के निर्माण के लिये आधुनिक प्लान्ट एवं मशीनरी लगायी जाएंगी। प्रशिक्षण, प्रमाणन तथा रिसर्च की सुविधा भी दी जायेगी। प्रस्तावित प्लास्टिक पार्क में चार एकड़ भूमि कच्चे माल की आपूर्ति व भंडारण के लिए आरक्षित होगी।
सीईओ गीडा पवन अग्रवाल ने बताया कि प्लास्टिक पार्क को केंद्र सरकार के रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग द्वारा अंतिम मंजूरी दे दी गई है। एसपीवी के गठन की प्रक्रिया भी चल रही है। जल्द ही पार्क को विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा। इससे करीब पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।