पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में “प्रमाण करत बानीं” कहकर की। उन्होंने कहा कि 100 वर्ष पूर्व जो हुआ, वो सिर्फ एक थाने में आग लगा देने तक सीमित नहीं था बल्कि चौरी चौरा का संदेश बहुत व्यापक था। उस रात आग थाने में नहीं, जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी। चौरी चौरा क्रांति से जुड़े लोग अलग-अलग गांवों व पृष्ठभूमि के थे, लेकिन मिलकर वे सभी मां भारती की संतान थे। स्वतंत्रता संग्राम में ऐसी कम ही घटनाएं हुई होंगी, जिसमें 19 स्वतंत्रता सेनानियों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटका दिया गया हो।
ये भी पढ़ें- शर्मनाक! बेटी को ढूंढने के लिए पुलिस ने दिव्यांग मां से भरवाया 15000 का Diesel, रो-रोकर बताई दास्तां सामूहिकता की शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का मूलभूत आधार- उन्होंने कहा कि देश अपनी आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। ऐसे समय में यह समारोह और भी प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी के इन कार्यक्रमों को लोकल कला, संस्कृति व आत्मनिर्भरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। जो हमारी स्वतंत्रता सेनानियों को एक श्रद्धांजलि होगी। सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ा था, वही शक्ति भारत को दुनिया की बड़ी ताकत भी बनाएगी। पीएम ने कहा कि सामूहिकता की यही शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का मूलभूत आधार है।