एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि कुशीनगर के बरवा बाबू के अजय सिंह उर्फ कौशल किशोर सिंह का बेटा आरोपी बृजेश प्रताप सिंह पर 2008 में गोरखपुर जिले में एनएसए की कार्रवाई हुई थी। 2008 में कैंट में रहने वाले एक मोबाइल कारोबारी की हत्या कर दी थी। इस मामले में गोरखपुर में काफी बवाल हुआ था। बृजेश उर्फ पिंटू कैंट के अलावा कुशीनगर में भी कई हत्याओं में सुर्खियों में आया था। पिंटू पर बारह मुकदमें दर्ज है। उसे फरवरी 2010 में हत्या के एक मामले में पेशी के लिए देवरिया जिला कारागार से न्यायालय गोरखपुर लाया गया था। पेशी के दौरान उसने भागने की रणनीति बना ली। इस दौरान उसने दो पुलिसकर्मियों की चाय में नशीला पदार्थ मिलवा दिया। सिपाहियों के बेहोश होने के बाद मौके से फरार हो गया। इस फरारी के बाद कैंट थाने में इस बाबत प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। लेकिन बृजेश किसी के हाथ नहीं आया। नौ सालों से फरार पिंटू पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था।
सन्यासी का वेश धर धूम रहा था एसएसपी ने बताया कि नौ सालों से फरार पिंटू को पिपराइच रेलवे स्टेशन पर मुखबीर की मदद से गिरफ्तार किया गया। वह नौ वर्षों से साधू बनकर छिपा बैठा था। उन्होंने बताया कि अभियुक्त ने स्वीकार किया है कि पुलिस अभिरक्षा से भागने के बाद वह नेपाल के नारायण घाट पर करीब एक हफ्ता अपने रिश्तेदार के घर रहा। फिर बिहार के दरभंगा पहुंचा। यहां पर एक बाबा के आश्रम में कुछ दिनों तक रहा और वहीं पर दीक्षा ली। दीक्षा के बाद साधुओं की टोली में भ्रमण करने लगा। लेकिन एक साल से वह अपने घर आ-जा रहा था।