ऐतिहासिक है बसंत सराय की यह शाही मस्जिद बसंतपुर सराय स्थित शाही मस्जिद ऐतिहासिक है। बादशाह मुअज्जम शाह ने बसंतपुर सराय में शाही मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस क्षेत्र के सूबेदार खलीलुर्रहमान पूरी फौज के साथ यहां रहा करते थे। नमाज की सहूलियत के मद्देनजर इसका निर्माण करवाया गया। मस्जिद ज्यादा बड़ी तो नहीं है लेकिन सूर्खी चूने से बनी मस्जिद काफी बेहतरीन है। इस मस्जिद की तामीर इतिहासकारों के मुताबिक करीब 300 साल पुरानी है। पहले सराय में मुसाफिर भी रुकते थे। यहीं पास में राप्ती नदी भी बहती थी। इसलिए इस मस्जिद का महत्व इतिहास में मिलता है। जामा मस्जिद उर्दू बाजार के साथ ही इसका निर्माण हुआ है। पुरातत्व विभाग की टीम ने दो तीन साल पहले इसका जायजा लिया था तो पाया था कि बसंतपुर सराय 400 साल पुरानी है उसी हिसाब से इस मस्जिद की उम्र 300 साल से ज्यादा है। इंटेक ने बसंतपुर सराय और मस्जिद के संरक्षण की योजना भी बनायी थी। लेकिन योजना परवान नहीं चढ़ी।
बसंतपुर सराय करीब तीन एकड़ में है और इसमें 67 कोठरियां है। यही पर बसंतपुर शाही मस्जिद है। जो मुगलिया दौर की है और यहीं पर बाबा नासिर अली शाह की मजार भी है।
बसंतपुर सराय करीब तीन एकड़ में है और इसमें 67 कोठरियां है। यही पर बसंतपुर शाही मस्जिद है। जो मुगलिया दौर की है और यहीं पर बाबा नासिर अली शाह की मजार भी है।