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बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलेंगे सभी राजनैतिक दल, लिया संकल्प

locationगोरखपुरPublished: Apr 15, 2018 03:49:09 am

भाजपा-सपा, बसपा के अलावा सरकारी कार्यालयों में भी डाॅ.आंबेडकर को याद किया गया

गोरखपुर। 2018 की बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती अपने आप में काफी अनोखी रही। पहली बार ऐसा हुआ कि राजनैतिक दलों में बाबा साहेब को अपना बनाने में होड़ मची रही। सब अपने झंडे तले डाॅ.आंबेडकर को लाने की जुगत में लगे हुए थे। समाजवादी पार्टी ने जहां भव्य शोभायात्रा निकालने के साथ सम्मेलन का आयोजन किया तो बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों ने भी तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर डाॅ.आंबेडकर को याद किया। सरकारी कार्यालयों में भी संविधान निर्माता को याद कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।
कलक्ट्रेट में बाबासाहेब को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया

डाॅ.आंबेडकर जयंती पर कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। जिलाधिकारी ने कहा कि संविधान निर्माता एवं युग प्रवर्तक डा. अम्बेडकर का जीवन दर्शन प्रेरणादायक है। उन्होंने शिक्षा पर विशेष बल देते हुए कहा था कि शिक्षा के अभाव में मनुष्य का विकास कभी संभव नही है, शिक्षा ही मनुष्य एवं जानवर में अन्तर करती है। इसके अलावा उन्होंने जनमानस को संगठित होकर कार्य करने का भी आव्हान किया था। समता, स्वतंत्रता एंव भाईचारा की स्थापना के लिए उन्होंने निरन्तर प्रयास करने की प्रेरणा दी थी।
जिलाधिकारी ने आगे कहा कि डा. अम्बेडकर ने आजीवन दलितों, उपेक्षितों, शोषितों, अल्पसंख्यकों तथा पिछड़ों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया तथा समाज में व्याप्त गैर बराबरी की भावना दूर करने तथा सामाजिक न्याय दिलाने के लिए संविधान में अनेक प्राविधान किये। उन्होंने यह भी कहा कि भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके बताये हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व विधान जायसवाल, सीआरओ बलराम सिंह, कलक्टेªट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिनरायण पान्डेय, अमीन संघ के अध्यक्ष पृथ्वीनाथ गुप्ता, शंखबली ने भी उपस्थित लोगों को बाबा साहब के जीवन व उनके आदर्शो के बारे जानकारी दी। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट विवेक श्रीवास्तव सहित कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
सेवा भारती ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित कर किया नमन

सरस्वती शिशु मंदिर पक्कीबाग में सेवा भारती द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्र्रांतीय अध्यक्ष डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आज यदि सभी समाज के लोग महापुरुषों को बाट लें तो समाज कहा जायेगा। महापुरुषों ने जातिवाद की बजाय देश को आगे बढ़ाने का काम किया है लेकिन राजनीतिक दल उनको बांटने में लगे हुए हैं। आंबेडकर किसी पार्टी के नहीं बल्कि देश के हैं।
दिव्यांग आयोग के अध्यक्ष कमलेश कुमार ने कहा कि सेवाभारती कार्यकर्ता समाज में निचली एकाई पर जाकर सेवा करता हैं, साथ में एक साथ भोजन भी करता हैं। उनका हर प्रकार से सहयोग करता है। उन्होंने कहा कि डाॅ.आंबेडकर जिस वर्ग में जन्म लिए थे लोग उस समय उसे छोटी जाति वाला वर्ग कहते थे लेकिन उन्होंने हीन भावना से ग्रसित होने की बजाय समाज के उत्थान के लिए काम किया। सारा जीवन व संघर्ष किया। भेदभाव झेलते हुए एक अलग पहचान बनायी।
डाॅ. प्रदीप राव ने कहा कि डॉ अम्बेडकर का यह समाज सदैव आभारी रहेगा। जब भी इस समाज को आवश्यकता होती है तब कोई कोई महापुरुष जन्म लेते रहते और भारत को बनाने के लिए जीवन समर्पित करते रहेंगे।
सेवाभारती महानगर अध्यक्ष आनंद प्रकाश ने आभार जताया। सेवाभारती के नरेन्द्र शुक्ला ने संगठन द्वारा होने वाले कार्य पर प्रकाश डाला।

समाजवादियों ने भी याद किया बाबा साहेब को

समाजवादी पार्टी द्वारा डा. भीमराव अम्बेडकर की 127 वी जयन्ती पर शोभायात्रा निकालने के बाद सम्मेलन का आयोजन किया गया। गोकुल अतिथि भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव ने कहा कि बाबा साहेब के रास्ते पर चलकर ही समाज को शोषण मुक्त बनाया जा सकता है। डा. अम्बेडकर महान इंसान थे। महात्मा गाँधी के साथ ही वैचारिक रूप से इस देश के जन मानस को डा. अम्बेडकर व डा.लोहिया ने ही प्रभावित किया है। दोनों समाजवाद के प्रबल पैरोकार थे। दलितों,शूद्रों व वंचित वर्ग की समस्याओं व समाधान तथा समाजवाद के विषय में दोनों की सोच एक जैसी थी। दोनों मानवीय शोषण व विषमता को ध्वस्त कर यहाँ शोषण-विहीन समतामूलक समाज चाहते थे। दलितोत्थान, अल्पसंख्यकों व नारी का सशक्तिकरण और पिछड़े वर्ग को ताकत प्रदान करना समाजवाद की निर्गुण अवधारणा का सगुण क्रियान्वयन है। हमारे मन में दोनों का एक सामान सम्मान है बाबा साहब दलितों को राजनीतिक मंच प्रदान करना चाहते थे, डा.लोहिया ने इस कार्य को पराजय का जोखिम उठा कर किया। ग्वालियर की महारानी के खिलाफ सुक्खोरानी मेहतरानी को चुनाव लड़ाने वाला लोहिया व समाजवादी पार्टी का प्रयोग बाबा साहब के दलित चिंतन का ही मूर्तरूप है। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज के भाईचारे को तोड़ने और विकास के मुद्दे को भटकाने के साथ साम्प्रदायिकता की आड़ में वोट का धु्रवीकरण करने की साजिश करती है। भाजपा से जनहित की आशा नहीं की जा सकती हैं। महिलाएं व बेटियां स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है। समाजवादी पार्टी का बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन हुआ तो भाजपा में बौखलाहट हो गई हैं।
इस दौरान जवाहर लाल मौर्य, सांसद प्रवीण कुमार निषाद, जगदीश यादव, मोहसिन खान, चन्द्रबली यादव, अवधेश यादव, फिरंगी प्रसाद, राजमती निषाद, निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा.संजय निषाद, साधु यादव, अमरेन्द्र निषाद, जफर अमीन डककू, मिर्जा कदीर बेग, विश्वनाथ विश्वकर्मा, श्याम देव निषाद, रूपावती बेलदार, रामलखन पासवान, राजकुमारी देवी, संजय पहलवान, मनोज यादव, राघवेंद्र तिवारी राजू, अभिमन्यु यादव, मैना भाई, जवाहर यादव, जयप्रकाश यादव, पप्पू चैधरी, मुख्तार अहमद, जयराम यादव, रामहर्ष यादव, राजेश यादव, अमन यादव, पतासी देवी, बिन्दा देवी, रामजतन यादव, विक्रम यादव,संजय यादव, मुन्नीलाल यादव, रामनाथ यादव, देश दीपक यादव,रवींद्र यादव,श्याम यादव, रमेश यादव, अखिलेश यादव , जितेंद्र यादव, आजम लारी, दूधनाथ मौर्य आदि मौजूद रहे।
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