मनीष की गिरफ्तारी के लिए कई टीम गठित होने व एसटीएफ लगा दिए जाने के बाद मनीष पर चौतरफा दबाव पड़ने लगा था।
शनिवार को पुलिस की सारी तैयारियों को धता बता चुपके से उसने न्यायालय में सरेंडर करने के लिए अर्जी भी लगा दी थी। सोमवार को उसके न्यायालय में समर्पण का तानाबाना बुन लिया गया था। लेकिन रविवार की सुबह ही पुलिस ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए गिरफ्तार कर लिया। सुबह-सुबह ही उसको शहर के देवरिया बायपास के पास गिरफ्तार कर लिया गया। मनीष ऑक्सीजन कांड में नामजद किये गए आरोपियों में एकमात्र आरोपी था जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। छह आरोपियों को पुलिस व एसटीएफ में गिरफ्तार किया था तो दो ने कोर्ट में सरेंडर किया था।
बीते गुरुवार को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर ऑक्सीजन कांड का आरोपी लिपिक उदय प्रताप शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जबकि एक दिन पहले यानी बुधवार को सीजेएम कोर्ट में इस प्रकरण के आरोपी चीफ फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल ने भी सरेंडर कर दिया था। वहीं मंगलवार को एक अन्य आरोपी संजय त्रिपाठी की कैंट क्षेत्र में गिरफ़्तारी हुई थी।
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बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते चार दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। मामला काफी उछलने के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल के पूर्व प्राचार्य डॉ.राजीव मिश्र व उनकी पत्नी समेत नौ जिम्मेदारों को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद डीजीएमई डॉ.केके गुप्ता की तहरीर पर हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज हुआ। बाद में यह मामला गोरखपुर के गुलरिहा थाने में स्थानांतरित हो गया।
केस दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए। इनको पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा एसटीएफ लगाई गई। एसटीएफ ने सबसे पहली गिरफ़्तारी पूर्व प्राचार्य डॉ.राजीव मिश्र व उनकी पत्नी डॉ.पूर्णिमा शुक्ला की कानपुर में की। इसके बाद सहजनवा में एसटीएफ ने डॉ.कफील खान को गिरफ्तार किया। तो स्थानीय पुलिस ने सुधीर पांडेय को गोरखपुर में ही गिरफ्तार किया। डॉ.सतीश कुमार ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया तो छठवां आरोपी संजय त्रिपाठी कैंट पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसी तरह आरोपी गजानन जायसवाल ने आत्मसमर्पण कर लिया था तो आठवां आरोपी उदय शर्मा रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया था।
पुष्पा सेल्स का मनीष भंडारी था फरार, आज चढ़ा हत्थे इस पर पुष्पा सेल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप करने का आरोप है। ऑक्सीजन जीवनरक्षक है। इसकी आपूर्ति बंद करना गुनाह है। इसके लिए आपूर्तिकर्ता मनीष भंडारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लेकिन यह अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पा रहा था। इसकी खोज में लगातार छापेमारी हो रही थी। सभी अन्य की गिरफ्तारी के बाद मनीष की गिरफ्तारी के लिए दबाव बढ़ता जा रहा था। उसके विदेश भागने की भी आशंका जताई जा रही थी। लेकिन कानूनी सलाह के बाद वह आत्मसमर्पण के लिए कोर्ट में अर्जी दिया था। लेकिन समर्पण के पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
BY- Dhirendra Gopal