बता दें कि महागठबंधन में यूपी में सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद के साथ आम आदमी पार्टी भी आ सकती है। इसके संकेत पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता, राज्यसभा सांसद संजय सिंह वाराणसी में ही मीडिया से बातचीत में दे चुके हैं। संजय सिंह ने फूलपुर और गोरखपुर संसदीय उपचुनाव का हवाला देते हुए कहा था कि वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी अगर साझा उम्मीदवार दमदार कैंडिडेट उतार दे तो इस सीट पर जीत हासिल की जा सकती है। वैसे भी शत्रुघ्न सिन्हा लगातार पीएम मोदी और अमित शाह पर हमलावर हैं। पार्टी में रह कर इस तरह से अन्य कोई ऐसा नहीं जो इन दोनों दिग्गजों पर लगातार हमला कर रहा हो। यही नहीं वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ताऱीफ भी करने से नहीं चुकते। वह लोकतंत्र की रक्षा की बात करते हैं। वह तो यह भी कहते हैं कि सच्ची बात करना अगर विद्रोह है तो मैं विद्रोही हूं।
अब तक बीजेपी की तरफ से शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ न कोई बोल रहा था, लेकिन अब जिस तरह से शत्रुघ्न सिन्हा के दिल्ली दौरे के दौरान जब वह आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया के एक कार्यक्रम में शिरकत करने गए तो बीजेपी के लोगों द्वारा जिस तरह से काला झंडा दिखाया गया वह इस बात का संकेत है कि भाजपा नेतृत्व ने भी शत्रुघ्न सिन्हा की मुखालफत करने की छूट कार्यकर्ताओं को दे दी है, या यूं कहें कि गुपचुप तरीके से निर्देश दिया गया है वो शत्रुघ्न सिन्हा का मुखर विरोध करें। माना यह भी जा रहा है कि जल्द ही पार्टी शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकती है।
बतादें कि आगामी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सांझा गठबंधन का मैदान में उतरना तय है। कौन कहां से और किसके खिलाफ लड़ेगा यह रणनीति तैयार करने का काम अंतिम दौर में पूरा होगा। खास तौर पर बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ ऐसे लोगों को उतारने की नीति पर काम चल रहा है जो आमजन के बीच लोकप्रिय हो। बीजेपी और खास तौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुखालफत कायद से कर सकता हो या कर रहा हो। इस योजना के तहत बीजेपी को तोड़ने में भी पार्टी को कोई गुरेज नहीं। ऐसे लोगों की शिनाख्त कर ली गई है।