इसके बाद एक जनवरी की सुबह मुख्यमंत्री विधि-विधान से रथ को अयोध्या के लिए रवाना करेंगे। इसके लिए गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। हिंदू सेवाश्रम में देवशिला रथ के साथ आने वाले लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। रथ को मंदिर परिसर में सुरक्षित खड़ा किया जाएगा।
जियोलॉजिकल और ऑर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाली गई
नेपाल में पोखरा स्थित शालिग्रामी नदी से यह दोनों शिलाएं जियोलॉजिकल और ऑर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाली गई हैं। 26 जनवरी को ट्रक में लोड किया गया।
नेपाल में पोखरा स्थित शालिग्रामी नदी से यह दोनों शिलाएं जियोलॉजिकल और ऑर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाली गई हैं। 26 जनवरी को ट्रक में लोड किया गया।
शिलाओं का वजन 40 टन
पूजा-अर्चना के बाद दोनों शिलाओं को ट्रक से सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा जा रहा है। रास्ते में इन पत्थरों के दर्शन और स्वागत के लिए भी लोग जुटे हैं। एक पत्थर का वजन 26 टन जबकि दूसरे का 14 टन है। यानी दोनों पत्थरों का वजन 40 टन है।
पूजा-अर्चना के बाद दोनों शिलाओं को ट्रक से सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा जा रहा है। रास्ते में इन पत्थरों के दर्शन और स्वागत के लिए भी लोग जुटे हैं। एक पत्थर का वजन 26 टन जबकि दूसरे का 14 टन है। यानी दोनों पत्थरों का वजन 40 टन है।
एक फरवरी को शिलाएं अयोध्या पहुंचेंगी
जनकपुर में 5 कोसी परिक्रमा के बाद इन पत्थरों का अयोध्याजी की ओर प्रस्थान हुआ है। एक फरवरी की सुबह यह शिलाएं बस्ती होते हुए अयोध्या पहुंचेंगी।
जनकपुर में 5 कोसी परिक्रमा के बाद इन पत्थरों का अयोध्याजी की ओर प्रस्थान हुआ है। एक फरवरी की सुबह यह शिलाएं बस्ती होते हुए अयोध्या पहुंचेंगी।